कोलकाता, 26 अप्रैल (भाषा) खगोलशास्त्री देबी प्रसाद दुआरी ने कहा है कि 30 अप्रैल को आंशिक सूर्य ग्रहण और 16 मई को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन शहर और इसके पड़ोस से दोनों में से कोई भी खगोलीय घटना नहीं दिखाई देगी।
उन्होंने कहा कि शहर में अगला आंशिक सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को और आंशिक चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को होगा।
एमपी बिड़ला तारामंडल के पूर्व निदेशक दुआरी ने कहा कि 30 अप्रैल का आंशिक सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका के दक्षिण और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों, प्रशांत और अटलांटिक महासागरों और अंटार्कटिका के अधिकांश भूभाग से देखा जा सकेगा, लेकिन यह दुनिया के इस हिस्से से दिखाई नहीं देगा।
उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा, ”अर्जेंटीना, उरुग्वे, चिली, बोलीविया या अंटार्कटिका में लोग इस घटना को देख सकते हैं। सूर्य ग्रहण हमेशा एक स्थान पर शुरू होता है और पृथ्वी के घूमने के कारण दूसरे स्थान पर समाप्त होता है।”
उन्होंने कहा कि आंशिक सूर्य ग्रहण शाम छह बज कर लगभग 45 मिनट पर सार्वभौमिक समय से शुरू होगा जो एक मई को रात सवा 12 बजे तक रहेगा। भारत में यह रात दो बज कर करीब 11 मिनट पर शुरू होकर तड़के चार बज कर करीब सात मिनट पर समाप्त होगा। भारत में रात का समय होगा, इसलिये कोई भी इस खगोलीय घटना को नहीं देख पाएगा।”
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जोहेब मनीषा
मनीषा
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