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Wednesday, 26 June, 2024
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तमिलनाडु विधानसभा ने केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना कराने का आग्रह किया

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चेन्नई, 26 जून (भाषा) तमिलनाडु विधानसभा ने बुधवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से जल्द जातिगत जनगणना शुरू करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया कि केंद्र सरकार को 2021 से लंबित जनगणना के साथ-साथ इस बार जातिगत जनगणना का काम भी तुरंत शुरू करना चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया, ”यह सदन इस बात को स्वीकार करता है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को शिक्षा, अर्थव्यवस्था और रोजगार में समान अधिकार व समान अवसर प्रदान करने के लिए नीतियां बनाने को लेकर जातिगत जनगणना करना बेहद आवश्यक है।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित विभिन्न दलों के विधायकों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के सदस्य मौजूद नहीं थे जिन्हें सदन की कार्यवाही में बाधा डालने को लेकर विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।

विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने कहा कि प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

स्टालिन ने इससे पहले प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा तीन के अनुसार केवल केंद्र सरकार को ही जनगणना कराने का अधिकार है।

मुख्यमंत्री ने कहा हालांकि सांख्यिकी संग्रह अधिनियम, 2008 ने राज्य सरकारों को लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में आंकड़े जुटाने की सुविधा दी है लेकिन अधिनियम की धारा तीन के भाग ए के तहत राज्य सरकारें संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत सूचीबद्ध समुदायों के आंकड़े नहीं जुटा सकतीं।

उन्होंने कहा, ”सांख्यिकी संग्रह अधिनियम के तहत जनगणना के आंकड़े जुटाना संभव नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा जनसंख्या जनगणना कराया जाना ही एकमात्र विकल्प है। इसलिए हम जोर देते हैं कि केंद्र को जातिगत जनगणना करानी चाहिए।”

पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के विधायक आर अरुल ने प्रस्ताव को एक ‘‘अनावश्यक’’ कदम करार दिया और कहा कि राज्य सरकार के पास जातिगत जनगणना कराने का अधिकार है।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जातिगत जनगणना के पक्ष में है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने दावा किया कि उनकी सरकार ने 2020 में यह प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो सका।

पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, ”अन्नाद्रमुक सरकार (उनकी अगुवाई में) ने 20 दिसंबर, 2020 को जातिगत जनगणना के लिए एक सरकारी आदेश जारी कर काम शुरू किया था। हमने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के अधीन एक आयोग भी गठित किया था।”

भाषा जितेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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