scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमदेशज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत से अतिरिक्त समय मांगेगा आयोग

ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए अदालत से अतिरिक्त समय मांगेगा आयोग

Text Size:

वाराणसी, 17 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य से जुड़ी रिपोर्ट अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है, लिहाजा आयोग इसे पेश करने के लिए अदालत से दो-तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगेगा। सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सिंह ने कहा, “अदालत के आदेश के अनुसार, 14 से 16 मई के बीच सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य किया गया। 17 मई को सर्वे से संबंधित रिपोर्ट अदालत में पेश की जानी थी।”

हालांकि, उन्होंने आगे कहा, “हम आज (मंगलवार) अदालत में रिपोर्ट नहीं जमा कर रहे हैं, क्योंकि यह तैयार नहीं है। हम अदालत से दो-तीन दिन का अतिरिक्त समय मांगेंगे। अदालत जो भी समय देगी, हम उसमें रिपोर्ट पेश करेंगे।”

सिंह ने कहा, “अभी लगभग 50 प्रतिशत रिपोर्ट ही तैयार की जा सकी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमें रिपोर्ट संकलित करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया।”

सर्वे कार्य पर टिप्पणी करते हुए सिंह ने कहा, “अदालत के आदेश के अनुसार मस्जिद परिसर में खुले और बंद ‘तहखाने’ का सर्वेक्षण किया गया। बंद ‘तहखाना’ जिसकी चाबी नहीं मिली थी, जिला प्रशासन ने उसका ताला तोड़ा। इसके बाद वहां वीडियोग्राफी करने के साथ-साथ फोटो भी खींची गई।”

‘वजूखाना’ में कथित तौर पर शिवलिंग मिलने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। लेकिन, निश्चित रूप से कुछ ऐसा था, जिसके चलते हिंदू पक्ष ने ऐसा दावा किया और अदालत ने इसका संज्ञान लेते हुए अपना आदेश दिया।”

इससे पहले, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने सोमवार को दावा किया था कि अदालत द्वारा अनिवार्य वीडियोग्राफी-सर्वे कार्य के दौरान मस्जिद परिसर में एक शिवलिंग पाया गया है।

एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को हिंदू पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के उस हिस्से को सील करने का आदेश दिया था, जहां कथित तौर पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है।

उधर, ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली कमेटी के एक सदस्य ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था, “मुगल काल की मस्जिदों में वजूखाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है। उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है।”

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने आरोप लगाया था कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर द्वारा आदेश जारी करने से पहले मस्जिद प्रबंधन का पक्ष नहीं सुना गया।

गौरतलब है कि वाराणसी की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर किए गए सर्वे का काम सोमवार को समाप्त हो गया। ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है। स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।

भाषा

सं जफर

मनीषा पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments