उधमपुर (जम्मू कश्मीर), छह मई (भाषा) सेना की उत्तरी कमान ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के उधमपुर जिले में दो दिवसीय संगोष्ठी शुरू की ताकि परिचालन संबंधी चुनौतियों को हल करने के लिए आवश्यक अत्याधुनिक तकनीकों की पहचान की जा सके।
उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि संगोष्ठी बाद के परीक्षणों और कमान में शामिल करने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों और उत्पादों की पहचान करने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने 2025 तक पांच अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य सहित 25 अरब डॉलर की वस्तुओं के स्वदेशी रक्षा निर्माण का लक्ष्य रखा है। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, ‘‘दो साल के अंतराल के बाद ‘नॉर्थ टेक सिम्पोजियम 2022’ का आयोजन उत्तरी कमान और उद्योग दोनों के लिए सबसे बहुप्रतीक्षित कार्यक्रमों में से एक की शुरुआत करने और इसका हिस्सा बनने के लिए यहां आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है।’’
उत्तरी कमान पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक क्षेत्रों के अलावा जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों में सबसे अधिक सक्रियता से हिस्सा ले रही है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि संगोष्ठी का विषय ‘आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से रक्षा में आत्मनिर्भरता और कमान की परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए नयी तकनीक का समावेश’ काफी उपयुक्त है और यह हमारी रोजाना की जरूरतों को बताता है।
रक्षा प्रौद्योगिकी में सरकार के ‘आत्मनिर्भर’ अभियान को बढ़ाने के लिए संगोष्ठी में 10 से अधिक शीर्ष कंपनियां रक्षा, निगरानी और सुरक्षा क्षेत्रों में अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रही हैं।
सैन्य कमांडर ने कहा, ‘‘सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों के संबंध में हम जिन समाधान की तलाश कर रहे हैं, वे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और उत्तरी कमान के भीतर तैनात राज्य पुलिस को अभियानगत सुगमता की ओर ले जाएंगे।’’
भाषा आशीष पवनेश
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