अहमदाबाद, 14 मई (भाषा) गुजरात के अहमदाबाद में निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम ने शनिवार को दो दिनों के लिए कामकाज बंद कर दिया, जबकि डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों ने इकाइयों के पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए ‘बिल्डिंग यूज’ प्रमाणपत्र अनिवार्य करने के नियम के विरोध में रैलियां निकालीं।
अहमदाबाद अस्पताल और नर्सिंग होम एसोसिएशन (एएचएनएचए) के एक अधिकारी ने कहा कि शहर के लगभग 1,700 निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाएं बंद रहीं और निर्धारित सर्जरी नहीं की गई तथा लगभग 4,500 डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे।
एसोसिएशन अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) के फॉर्म-सी के नवीनीकरण के लिए बीयू परमिट को अनिवार्य बनाने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। फॉर्म-सी के तहत चिकित्सा प्रतिष्ठान के रूप में किसी इकाई को पंजीकृत कराना बंबई नर्सिंग होम कानून, 1949 के तहत आवश्यक है। इससे पहले, इसे बिना किसी परेशानी के नवीनीकृत किया जाता था।
एएचएनएचए के अध्यक्ष डॉ. भरत गढ़वी ने कहा कि पंजीकरण के नवीनीकरण के लिए बीयू परमिट को अनिवार्य बनाना अन्यायपूर्ण है और इससे शहर की 400 से अधिक इकाइयां प्रभावित हुई हैं।
गढ़वी ने कहा कि लगभग 30,000 ओपीडी सेवाएं रद्द कर दी गई और 3,000 सर्जरी टाल दी गई, हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रहीं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के तहत रविवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा।
गुजरात उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद एएमसी ने नियमों को कड़ा किया है। याचिका में इमारतों, विशेष रूप से अस्पतालों और नर्सिंग होम को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि वे बीयू परमिट और अग्नि सुरक्षा का अनुपालन करें।
भाषा आशीष माधव
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