नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) भारत की कृषि आधारित अर्थव्यस्था की जीवनरेखा माना जाने वाला दक्षिण पश्चिमी मानसून समय से पांच दिन पहले, 27 मई तक केरल में वर्षा की पहली फुहार ला सकता है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
केरल में मानसून का आगमन आमतौर पर एक जून को होता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा, “इस साल केरल में दक्षिण पूर्वी मानसून का आगमन समय से पहले हो सकता है। केरल में मानसून 27 मई को दस्तक दे सकता है, और इस तारीख में चार दिन आगे पीछे होने का अनुमान है।”
वर्ष 2009 में दक्षिण पश्चिमी मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार केरल में मानसून के समय पूर्व आगमन के पीछे चक्रवात असानी के प्रभाव है।
दक्षिण पश्चिमी मानसून के समय से पहले आगमन की घोषणा ऐसे समय की गई है जब उत्तर पश्चिमी भारत के क्षेत्र अत्यधिक तापमान का सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सात दिन पहले 15 मई तक मानसून के आगमन का अनुमान है।
आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘ भूमध्यवर्ती हवाओं के बढ़ने के साथ दक्षिण अंडमान सागर, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 15 मई के करीब दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होंगी।’’
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