नोएडा, 22 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के कानपुर में मशहूर कछुआ तालाब को पुनर्जीवित करने के प्रयास जारी हैं, जो 100 वर्ष से अधिक आयु के माने जाने वाले कछुओं का घर है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि पनकी क्षेत्र में एक पुराने शिव मंदिर के तहत आने वाले तालाब को 350 साल पुराना माना जाता है और इसे गंगा के किनारे स्थित औद्योगिक शहर कानपुर के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण जल निकायों में गिना जाता है।
कानपुर संभाग के आयुक्त राज शेखर ने कहा, ”यह कछुओं के प्रजनन के लिए एक महत्वपूर्ण जल निकाय भी है। यह हजारों छोटे और बड़े कछुओं का घर हुआ करता था, लेकिन जल निकाय के क्षरण और अन्य मुद्दों के कारण कछुओं की संख्या कम हो गई है। पानी की कमी और प्रदूषण आदि के कारण कई कछुओं की मौत हो चुकी है।”
इस ऐतिहासिक जल निकाय को फिर से जीवित करने और कछुओं के प्रजनन की सुविधा के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2017 में नगर निगम की 2 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शेखर ने कहा कि 2017 से 2020 तक निगम ने 1.7 करोड़ रुपये खर्च कर कुछ कार्य किए, लेकिन इनसे वांछित उद्देश्य पूरे नहीं हुए। जल निकाय का पूरी तरह से कायाकल्प नहीं हो पाया।
शेखर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों, पशु प्रेमियों और अन्य नागरिकों ने भी प्रशासन का ध्यान इस ओर दिलाया। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर निगम और स्थानीय विकास अधिकारियों के साथ तालाब को जीवंत करने पर चर्चा की, जो पूरे साल प्राकृतिक रूप से पानी से भरा रहता है।
आयुक्त ने कहा, ”विचार-विमर्श के बाद, लंबित कार्यों को पूरा करने के लिए नगर निगम को 70 लाख रुपये की परियोजना को मंजूरी दी गई है। पिछले कुछ दिनों में काम शुरू हो गया है और यह अगले तीन महीनों में पूरा हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि फिलहाल जारी कार्यों में तालाब की गहराई दो मीटर बढ़ाना, रोशनी की व्यवस्था करना, आसपास सार्वजनिक शौचालय स्थापित करना और टाइलों की मरम्मत करना शामिल है।
भाषा जोहेब अविनाश शफीक
शफीक
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