नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को उस प्राधिकार की पहचान करने और उस पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है, जिसने मालवीय नगर से ग्रेटर कैलाश तक गुजरने वाले बरसाती नाले में सीवेज गिराया था।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए समिति से तीन महीने के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली जल बोर्ड ने बरसाती नाले में एक सीवर लाइन जोड़ दी है, जबकि इस नाले का उद्देश्य केवल अतिरिक्त वर्षा जल की निकासी था।
पीठ ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार 24 अप्रैल को जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने के बाद कोई भी सीवेज नाले में नहीं गिराया गया था।
भाषा सुरेश माधव
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