नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को असम के राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को का निर्देश दिया कि वह दो साल से अधिक समय से निरुद्ध केंद्रों में बंद विदेशियों के बारे में उसे अवगत कराए।
शीर्ष अदालत ने इस बात पर गौर किया कि बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक वर्षों से निरुद्ध केंद्रों में बंद हैं।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कानूनी सेवा प्राधिकरण को विदेशियों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं का पता लगाने के वास्ते निरुद्ध केंद्रों का दौरा करने के लिए एक टीम गठित करने का भी निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि इस संबंध में एक रिपोर्ट 15 मई, 2024 तक पेश की जाए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को वर्षों से निरुद्ध केंद्रों में बंद विदेशियों के मुद्दे पर कुछ कार्रवाई करनी होगी।
पीठ ने कहा, ‘‘हम असम के राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को विदेशियों के निरुद्ध केंद्रों का दौरा करने और वहां के रिकॉर्ड से यह पता लगाने का निर्देश देते हैं कि कितने विदेशियों को दो साल से अधिक अवधि से हिरासत में रखा गया है।’’
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 16 मई के लिए सूचीबद्ध की।
शीर्ष अदालत राज्य के निरुद्ध केंद्रों में दो साल से अधिक समय बिता चुके लोगों की रिहाई का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश
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