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Saturday, 15 June, 2024
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‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को दूर करने को प्राथमिकता देगी: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) कांग्रेस ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर दिल्ली में प्रदूषण की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर राष्ट्रीय राजधानी को इस समस्या से मुक्ति दिलाने को प्राथमिकता दी जाएगी।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली में प्रशासनिक संरचना अलग है तथा यहां प्रदूषण की समस्या पड़ोसी राज्यों से संबंधित है, इसलिए यह विषय केंद्र सरकार के अधीन आता है और उसकी जिम्मेदारी बनती है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली के चुनाव में पर्यावरण एक विशेष स्थान रखता है। दिल्ली के पर्यावरण के लिए केंद्र सरकार प्राथमिक रूप से जिम्मेदार है, क्योंकि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या आसपास के अलग-अलग राज्यों से भी जुड़ी हुई है।’’

रमेश का कहना है कि वायु प्रदूषण को लेकर पिछले 10 वर्षों में जो प्रयास किए गए उनका असर नहीं दिख रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए वायु प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। दिल्ली के आसपास 11 बिजली स्टेशन हैं, जो कोयले का उपयोग करते हैं। 2009 में सारे बिजली स्टेशनों के लिए वायु प्रदूषण मानक तय किए गए था, जो इसको लागू नहीं करते थे, उन्हें बंद करा दिया जाता था।’’

रमेश ने दावा किया, ‘‘आज असलियत यह है कि 11 बिजली स्टेशनों में से 9 में किसी न किसी तरह मानकों का उल्लंघन हुआ है। लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।’’

उन्होंने कहा कि रसायनों से होने वाला संदूषण भी एक बड़ी समस्या है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि कूड़े के अंबार की समस्या से निपटने के लिए मोदी सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया।

रमेश ने कहा कि अरावली की पहाड़ी में अवैध खनन और अवैध निर्माण को लेकर भी केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए।

उन्होंने यह दावा भी किया कि दिल्ली के आसपास के इलाकों में करीब 350 ईंट के भट्टे हैं, लेकिन इनके आधुनिकीकरण को लेकर केंद्र ने जरूरी कदम नहीं उठाए।

कांग्रेस महासचिव ने यमुना के दूषित होने का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के स्तर पर लापरवाही बरती गई है।

उन्होंने दावा किया कि ‘नमामि गंगे’ के तहत यमुना को भी जोड़ा गया था, लेकिन इस नदी की अविरलता और निर्मलता पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।

रमेश ने दावा किया कि ‘इंडिया जनबंधन’ की सरकार बनने जा रही है और वह दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को दूर करने को प्राथमिकता देगी।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

भाषा हक हक मनीषा वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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