जम्मू, 18 अप्रैल (भाषा) दो साल के अंतराल के बाद आगामी 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के साथ ही, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के कर्मी श्रद्धालुओं को सुरक्षा एवं सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस के पर्वतीय बचाव दलों (एमआरटी) का हिस्सा बनने के वास्ते विशेष प्रशिक्षण ले रहे हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी सोमवार को दी।
उन्होंने बताया कि एमआरटी में जम्मू-कश्मीर पुलिस, एसआरडीएफ, एनडीआरएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सदस्य शामिल होंगे, जिन्हें 3880 मीटर ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा के दोनों मार्गों के करीब एक दर्जन चिह्नित महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया जाएगा।
तैंतालीस दिन तक चलने वाली यह यात्रा दोनों मार्गों से होगी, दक्षिण कश्मीर के पहलगाम की तुलना में मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले के बालटाल मार्ग से यह दूरी अपेक्षाकृत 14 किलोमीटर कम है, लेकिन यह तीव्र ढलान वाला मार्ग है।
प्रशासन इस वर्ष अमरनाथ यात्रा के दौरान करीब आठ लाख श्रद्धालुओं के स्वागत की तैयारी कर रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मी साम्बा जिले के नुड में जम्मू कश्मीर पुलिस के सुविधा केंद्र पर पर्वतीय बचाव प्रशिक्षण ले रहे हैं। एमआरटी के प्रभारी इंस्पेक्टर राम सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम फिलहाल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 70 कर्मियों वाले संयुक्त बैच को प्रशिक्षण दे रहे हैं। यह प्रशिक्षण 15 दिन का है, जिसमें उन्हें ऊंचाई वाले तथा प्राकृतिक आपदा प्रभावित इलाकों में सेवा देने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।’’
सिंह ने बताया कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि एनडीआरएफ कर्मियों को पुलिस के अत्याधुनिक सुविधा केंद्र पर प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं, जहां नवीनतम उपकरण और अंतरराष्ट्रीय मानकों के साजो-सामान का इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘माउंट एवरेस्ट चढ़ने वाले दो अन्य पर्वतारोही सहित 13 उच्च पेशेवर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण में लगाया गया है। यह प्रशिक्षण केंद्र नवम्बर-दिसम्बर से छह माह के लिए खुला रहता है।’’
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सुरेश माधव
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