नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दो गिरफ्तार सदस्यों के खिलाफ दायर नए आरोप पत्र में दावा किया है कि संयुक्त अरब अमीरात के एक होटल ने इस इस्लामिक संगठन के लिए धनशोधन केंद्र के रूप में ‘मदद’ की।
संघीय जांच एजेंसी ने पीएफआई नेताओं अब्दुल रजाक पीडियाकल उर्फ अब्दुल रजाक बीपी और अशरफ खादिर उर्फ अशरफ एमके के खिलाफ हाल ही में लखनऊ में विशेष धनशोधन निवारण कानून अदालत में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया।
एजेंसी ने दोनों को क्रमश: मार्च एवं अप्रैल में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने एक बयान में कहा कि अदालत ने आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है जिसमें एजेंसी ने ‘अपराध से 22 करोड़ रुपये की आमदनी’ की पहचान की है। ईडी ने पीएफआई केरल राज्य कार्यकारी परिषद के सदस्य अशरफ पर आरोप लगाया कि वह संगठन और संबंधित संस्थाओं के वित्तपोषण में शामिल था।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि अशरफ अबू धाबी में दरबार रेस्तरां का मालिक था, जो पीएफआई के धनशोधन केंद्र के रूप में काम करता था। हालांकि, रेस्तरां के माध्यम से अपराध की आय को छिपाने के लिए उसने दरबार रेस्तरां के स्वामित्व के बारे में सरकारी अधिकारियों को जानकारी नहीं दी।
ईडी ने कहा कि अब्दुल रजाक इस रेस्तरां के जरिए पीएफआई और इससे जुड़ी संस्थाओं की धनशोधन गतिविधियों को अंजाम देने में “शामिल” था।
एजेंसी ने इस मामले में अपना पहला आरोपपत्र पिछले साल छह फरवरी को लखनऊ की उसी अदालत में दाखिल किया था। बयान में कहा गया है कि आने वाले दिनों में एजेंसी द्वारा इस तरह के और आरोप पत्र दाखिल किए जाने की उम्मीद है।
ईडी केरल में 2006 में गठित पीएफआई की विभिन्न गतिविधियों की 2018 से जांच कर रहा है। इनमें संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों और दिल्ली में 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों में ‘वित्तपोषण’ में इसकी कथित भूमिका शामिल है।
भाषा
अविनाश नरेश
नरेश
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