नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 17 मई को मुंबई में भारतीय नौसेना के अग्रिम मोर्चे के दो युद्धपोतों का जलावतरण करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि यह युद्धपोतों के निर्माण में महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
जहाज ‘सूरत’ प्रोजेक्ट 15बी कार्यक्रम के तहत बनने वाला चौथा और अंतिम विध्वंसक पोत है जो रडार को चकमा देने की प्रणाली से युक्त होगा।
दूसरा पोत ‘उदयगिरि’ ‘प्रोजेक्ट 17ए’ फ्रिगेट कार्यक्रम का हिस्सा है।
भारतीय नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, “देश स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना का गवाह बनेगा जब 17 मई को मुंबई के मझगांव डॉक्स लिमिटेड में भारतीय नौसेना के दो अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों का एक साथ जलावतरण किया जाएगा।”
प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के जहाज भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी के स्टेल्थ (रडार को चकमा देने में सक्षम) निर्देशित मिसाइल विध्वंसक हैं जिन्हें मुंबई में मझगांव डॉक्स लिमिटेड (एमडीएल) में बनाया जा रहा है।
अधिकारी ने कहा कि ‘सूरत’ प्रोजेक्ट 15बी विध्वंसक का चौथा जहाज है, जो पी15ए (कोलकाता श्रेणी) विध्वंसक के एक महत्वपूर्ण बदलाव की शुरुआत करता है।
अधिकारी ने कहा कि सूरत जहाज को ब्लॉक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया है जिसमें दो अलग-अलग भौगोलिक स्थानों पर ढांचों का निर्माण शामिल है और इसे एमडीएल में एक साथ जोड़ा गया है।
इस श्रेणी का पहला जहाज 2021 में नौसेना में शामिल किया गया था। दूसरे और तीसरे जहाजों का जलावतरण हो चुका है और वे परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं।
‘उदयगिरि’ पोत का नाम आंध्र प्रदेश की पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा पोत है। यह पी17 फ्रिगेट (शिवालिक श्रेणी) का उन्नत संस्करण है जिसमें बेहतर हथियार और सेंसर तथा मंच प्रबंधन प्रणाली लगी हैं।
15बी और पी17ए दोनों जहाजों का डिजाइन नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा तैयार किया गया है।
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प्रशांत माधव
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