नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय सोमवार को टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की मां की उस याचिका पर सुनवाई करने पर राजी हो गया जिसमें वर्ष 2008 में उनकी बेटी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले चार दोषियों को जमानत देने को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने सौम्या की मां माधवी विश्वनाथन की याचिका पर दिल्ली सरकार और चारों दोषियों को नोटिस जारी किया।
दोषी अमित शुक्ला और बलजीत सिंह मलिक का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अमित कुमार ने उनकी याचिका का विरोध किया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 फरवरी को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत सिंह मलिक और अजय कुमार की सजा को निलंबित कर दिया था और उनकी दोष सिद्धि और सजा को चुनौती देने वाली अपीलों के लंबित रहने के दौरान उन्हें जमानत दे दी थी।
एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार चैनल में काम करने वाली सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर, 2008 की सुबह दक्षिणी दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जब वह काम करके अपनी कार से घर लौट रही थीं।
उच्च न्यायालय ने दोषियों को राहत देते हुए कहा कि वे 14 साल से हिरासत में हैं।
उच्च न्यायालय ने 23 जनवरी को दिल्ली पुलिस से चारों दोषियों द्वारा दायर अपील पर जवाब देने को कहा था।
एक विशेष अदालत ने 26 नवंबर, 2023 को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और धारा 3(1)(आई) (संगठित अपराध जिसके परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति की मौत हो जाए) और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि दोनों सजा एक साथ न चलकर, एक-एक करके लागू होंगी।
पाचवें दोषी अजय सेठी को तीन साल के साधारण कारावास की सजा दी गई थी।
उक्त चारों दोषियों में से तीन, कपूर, शुक्ला और मलिक को एक आईटी पेशेवर जिगिशा घोष की भी हत्या का दोषी पाया गया था। लेकिन इन तीनों ने बाद में सौम्य की भी हत्या करने की बात कबूल की थी और हत्या में इस्तेमाल किये गये हथियार भी उनके पास से बरामद किये गये थे।
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि सौम्य की हत्या लूट के इरादे से की गई थी।
हालांकि, निचली अदालत ने घोष की हत्या के मामले में कपूर और शुक्ला को मौत की सजा सुनाई थी और मलिक को उम्रकैद की सजा दी थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने मलिक की उम्रकैद को तो बरकरार रखा पर दोनों की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, लूट के इरादे से सौम्या की कार का पीछा करते समय कपूर ने उसे तमंचे से गोली मार दी थी और उस समय शुक्ला, कुमार और मलिक भी उसके साथ थे। पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल कार सेठी के पास से बरामद की थी।
भाषा
संतोष नरेश
नरेश
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