कोल्लम (केरल), 24 मई (भाषा) केरल की एक अदालत ने आयुर्वेद की छात्रा विस्मया के पति को दहेज हत्या के मामले में मंगलवार को 10 साल कैद की सजा सुनाई। विस्मया ने पिछले साल जून में अपने ससुराल में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली थी।
विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) जी मोहनराज ने संवाददाताओं को बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत के.एन. ने दोषी एस. किरण कुमार को आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज प्रताड़ना के मामले में भी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत क्रमश: छह साल और दो साल कैद की सजा सुनाई है।
कुमार को दहेज लेने के अपराध में दहेज निषेध अधिनियम के तहत छह साल और दहेज की मांग करने पर एक साल की सजा भी सुनाई गई है। एसपीपी ने संवाददाताओं को बताया कि सजा सुनाए जाने के बाद अदालत ने कहा कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
कुमार पर कुल 12,55,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया, जिसमें से दो लाख रुपये पीड़िता के माता-पिता को भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।
अपने 144 पन्ने के फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी (कुमार) ने अपनी पत्नी पर दहेज संबंधी क्रूरताओं को अंजाम दिया और इस तरह उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया।
अदालत ने कहा, ”वह (कुमार) अपनी पत्नी की सुरक्षा करने के लिए बाध्य था और वह ऐसा करने में समर्थ था। हालांकि, उसने अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने और ताना मारने का रास्ता चुना। उसकी पत्नी के भी अपने सपने थे। उसने अच्छी उम्मीदों और आकांक्षाओं के साथ पारिवारिक जीवन की शुरुआत की लेकिन दहेज की बुराई ने उसकी उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया।”
एसपीपी ने कहा कि वह दोषी को सुनाई गई सजा से संतुष्ट हैं। हालांकि, पीड़िता की मां सजा से निराश दिखीं। उन्होंने कहा कि वह सजा से खुश नहीं हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि दोषी को आजीवन कारावास की सजा मिलेगी।
अपने आवास पर उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि परिवार सजा के खिलाफ अपील करेगा और उन्हें लगता है कि उनकी बेटी को न्याय नहीं मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि वे विस्मया की आत्महत्या के लिए कथित रूप से जिम्मेदार अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई के अपने प्रयास को जारी रखेंगे।
दूसरी ओर, विस्मया के पिता ने अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा कि वह कुमार को दी गई सजा से खुश हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें और उनकी बेटी को न्याय मिला है और यह सजा समाज के लिए एक संदेश भी है।
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि कुमार को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। सजा के खिलाफ अपील करनी है या नहीं, इस पर एसपीपी से चर्चा करने के बाद फैसला किया जाएगा।
अदालत का आदेश अभियोजन पक्ष और दोषी की सजा की अवधि पर दलीलें सुनने के बाद आया। एसपीपी जी मोहनराज ने अपनी दलीलों में दोषी के लिए अधिकतम सजा का अनुरोध किया था ताकि यह समाज में एक कड़े संदेश के रूप में जाए।
दोषी के वकीलों ने यह दावा करते हुए अदालत से नरमी बरतने का अनुरोध किया था कि दोषी परिवार में अकेला कमाने वाला है और उसके माता-पिता कई बीमारियों से पीड़ित हैं। इससे पहले दिन में विस्मया के पिता दहेज में दी गई कार से अदालत पहुंचे।
उन्होंने अपने घर के बाहर पत्रकारों को बताया कि उनकी बेटी को यह कार बहुत पसंद थी और ऐसा लगता है कि उनकी बेटी की आत्मा भी इस कार में उनके साथ है।
अदालत ने सोमवार को कुमार को आईपीसी के तहत दहेज हत्या (धारा 304बी), आत्महत्या के लिए उकसाने (धारा 306) और दहेज से संबंधित उत्पीड़न (धारा 498ए) और दहेज निषेध अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था।
आईपीसी की धारा 304बी के तहत दहेज हत्या के अपराध में न्यूनतम सात साल और अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 498ए के तहत दहेज उत्पीड़न और धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने के अपराध में क्रमशः तीन साल और 10 साल की जेल की अधिकतम सजा होती है।
कुमार सहायक मोटर वाहन निरीक्षक था औरर मामले में उसकी गिरफ्तारी के बाद उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। राज्य के परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि आपराधिक मामले में अदालत के फैसले के बावजूद कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के राज्य सरकार के फैसले में कोई बदलाव नहीं होगा।
कुमार उच्चतम न्यायालय से मिली जमानत पर बाहर था। हालांकि, उसकी दोषसिद्धि के साथ उसे मिली जमानत रद्द हो गई और पुलिस ने उसे अदालत से हिरासत में ले लिया।
अदालत ने 17 मई को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। केरल पुलिस ने अपने 500 पृष्ठों के आरोपपत्र में कहा था कि विस्मया ने दहेज प्रताड़ना के चलते आत्महत्या की थी। 22 वर्षीय विस्मया 21 जून, 2021 को कोल्लम जिले के सस्थामकोट्टा में अपने पति के घर में मृत पाई गई थी।
घटना से एक दिन पहले, विस्मया ने कुमार द्वारा दहेज को लेकर कथित रूप से प्रताड़ित करने के साथ-साथ अपने शरीर पर चोट और मारपीट के निशान की तस्वीरें अपने रिश्तेदारों को व्हाट्सऐप संदेश में भेजी थी।
उसके पिता ने बताया था कि 2020 में शादी के दौरान कुमार को सोना और एक एकड़ से अधिक जमीन के अलावा 10 लाख रुपये की एक कार दहेज में दी गई थी। पिता ने बताया कि कुमार को कार पसंद नहीं आई और वह 10 लाख रुपये नकद चाहता था। जब उसे बताया गया कि यह संभव नहीं है, तो वह विस्मया को प्रताड़ित करने लगा।
भाषा शफीक उमा
उमा
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