नोएडा, 26 अप्रैल (भाषा) यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (वाईईआईडीए) ने जमीन अधिग्रहण के लिए नई मुआवजा दरें घोषित कर दी है। वाईईआईडीए बोर्ड की मंगलवार को बैठक के बाद प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने पत्रकारों के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि एक नीति के तहत प्रत्येक वर्ष किसानों को भूमि अधिग्रहण के सापेक्ष दिए जाने वाले मुआवजे की दरें प्राधिकरण बढ़ाता हैं। उन्होंने बताया कि यह नीति शुरू से यमुना प्राधिकरण में लागू है और नई दरें लागत वृद्धि दर के आधार पर निर्धारित होती हैं।
सिंह ने बताया कि जो किसान यमुना प्राधिकरण को सहमति के आधार पर जमीन बेचेंगे, उनके लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान मुआवजा दरें निर्धारित कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि किसानों को उनकी भूमि का प्रति कर लेने के लिए दो विकल्प दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पहले विकल्प के तहत मुआवजा दर 2,178.20 रुपये प्रति वर्ग मीटर निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि इस विकल्प में किसानों को वार्षिक प्रतितोष भी दिया जाएगा, साथ ही 7 प्रतिशत आबादी भूखंड का आवंटन भी किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण को सहमति के आधार पर जमीन देने वाले किसानों के लिए दूसरा विकल्प भी उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने बताया कि दूसरे विकल्प के तहत किसान 2422.36 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजा ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस विकल्प का चुनाव करने वाले किसानों को वार्षिकी का भुगतान नहीं किया जाएगा और उन्हें अधिग्रहित भूमि के सापेक्ष 7 प्रतिशत विकसित आबादी भूखंड लेने का अधिकार नहीं होगा। उन्होंने बताया कि वार्षिकी और आबादी भूखंड की कीमत इस मुआवजा दर में जोड़ दी गई है।
यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने इस साल के बजट में सबसे बड़ा मद भूमि अधिग्रहण का रखा है। चालू वित्त वर्ष में यानी 31 मार्च 2022 तक प्राधिकरण 1,200 एकड़ जमीन का अधिग्रहण करेगा। ’’
उन्होंने बताया कि वाईईआईडीए की मंगलवार को हुई बोर्ड बैठक में कई अहम फैसले लिये गए। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण क्षेत्र के आवंटियों को अपने भूखंडों की ‘लीज डीड’ करवाने और भवन निर्माण करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है और इस अतिरिक्त समय की एवज में प्राधिकरण कोई फीस या जुर्माना वसूल नहीं करेगा।
सिंह ने बताया कि पिछले दो वर्ष से कोविड-19 महामारी के कारण लोग प्रभावित रहे हैं, ऐसे में बड़ी संख्या में आवंटी प्रत्यावेदन दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उनका कहना है कि दो वर्षों के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाए, सरकारी कामकाज बंद रहे। ऐसे में लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। लिहाजा, बड़ी संख्या में आवंटी अपने भूखंडों की रजिस्ट्री नहीं करवा पाए। आवंटित भूखंडों पर भवन निर्माण नहीं करवा सके हैं। निर्धारित समय बीतने के बाद प्राधिकरण जुर्माना वसूल करता है। आवंटियों की मांग पर 6 महीने का समय विस्तार कर दिया गया है।’’
सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण के 42,000 आवंटी हैं जिसमें आवासीय प्लॉट, फ्लैट, संस्थागत औद्योगिक संपत्तियों के आवंटी हैं। उन्होंने बताया कि भूखंडों की रजिस्ट्री करवाने के लिए जिन्हें प्राधिकरण ने ‘चेक लिस्ट’ जारी कर दी है और जिन्होंने निर्धारित वक्त बीतने के बावजूद अब तक रजिस्ट्री नहीं करवाई है, ऐसे आवंटी 30 सितंबर 2022 तक रजिस्ट्री करवा सकते हैं जिसके लिए प्राधिकरण कोई अतिरिक्त शुल्क वसूल नहीं करेगा।
सिंह ने कहा की जिन आवंटियों ने अब तक अपने भूखंडों पर भवन निर्माण नहीं किया है और ‘कंपलीशन’ लेने का वक्त बीत चुका है, ऐसे आवंटियों को भी 6 महीने का समय विस्तार दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति भी 30 सितंबर 2022 तक भवन निर्माण करके कंपलीशन सर्टिफिकेट ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि इससे प्राधिकरण के 42 हजार आवंटियों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने बताया कि यमुना प्राधिकरण इस बार गांवों के विकास पर खास जोर देगा। उन्होंने बताया कि स्मार्ट गांव के लिए 76.98 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी गांव के विकास के लिए 157 करोड रुपये बोर्ड में मंजूर किए हैं।
उन्होंने बताया कि इस साल के बजट में विकास और निर्माण कार्यों के लिए 1,101 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछली बार यह धनराशि केवल 275 करोड रुपये थी। सिंह ने बताया कि 322 करोड रुपये के राजस्व भुगतान किए जाएंगे, इनके अलावा इस वित्त वर्ष के दौरान प्राधिकरण को 4,515 करोड रुपये का कुल भुगतान करना है।
उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण जारी है। इसके दूसरे चरण पर भी काम शुरू हो चुका है। यमुना विकास प्राधिकरण की हवाई अड्डे में 12.5 प्रतिशत की हिस्सेदार है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण ने अपने हिस्से के 405 करोड रुपये आवंटित कर दिए हैं।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण का जोर शहर और पूरे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से जोड़ने पर है। उन्होंने बताया कि इसके लिए मेट्रो, पॉडटैक्सी और एक्सप्रेस-वे बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस मद में 31 मार्च 2022 तक प्राधिकरण 300 करोड़ रुपये खर्च करेगा। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर जेवर हवाईअड्डे और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर यमुना प्राधिकरण 705 करोड रुपये खर्च करने जा रहा है।
भाषा सं अमित
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