नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) रेलवे मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मिशन रेल कर्मयोगी योजना के तहत अपने कर्मचारियों को “सेवा भाव” का प्रशिक्षण दे रहा है ताकि वे यात्रियों को पेशेवराना तरीके से सेवाएं दे सकें। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रेलवे परिवहन प्रबंधन संस्थान (आईआरआईटीएम) में अब तक अग्रिम मोर्चे के 51 हजार कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इनमें स्टेशन मास्टर, टिकट बुकिंग कर्मचारी, क्लर्क और यात्रियों से संपर्क में आने वाले अन्य कर्मी शामिल हैं। मंत्रालय ने कहा कि रेलवे के सभी 68 मंडलों से नामित एक हजार चिह्नित कर्मचारियों को ‘मास्टर प्रशिक्षक’ के तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा जो बाद में रेलवे के बाकी कर्मचारियों को समयबद्ध तरीके से प्रशिक्षण देंगे।
सभी प्रशिक्षित कर्मचारियों का उच्च गुणवत्तापूर्ण तकनीक से मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। बयान में कहा गया कि आईआरआईटीएम में 28 फरवरी से ‘मास्टर प्रशिक्षकों’ का प्रशिक्षण शुरू किया गया और अब तक 822 को प्रशिक्षण दिया गया है।
इन 822 मास्टर प्रशिक्षकों ने ही 51 हजार और कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है। भारत सरकार द्वारा मिशन रेल कर्मयोगी की शुरुआत 20 सितंबर 2020 से की गई थी। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के दृष्टिकोण और कौशल में परिवर्तन करना था।
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