लातूर (महाराष्ट्र), 20 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा विश्वविद्यालय में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की पढ़ाई कर रहे कुछ छात्रों ने आरोप लगाया है कि एक विभाग में कर्मियों की कमी होने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, जिसके बाद कुलपति ने हस्तक्षेप करते हुए इस मुद्दे को सुलझाने का आश्वासन दिया है।
एक दिव्यांग शोधकर्ता ने दावा किया कि जब वह शुक्रवार को अंग्रेजी विषय के लिए अपना शोध प्रबंध प्रस्तुत करने गया तो उसे वापस भेज दिया गया।
शोधकर्ता ने दावा किया, ”उन्होंने मुझे बताया कि विभाग में कर्मियों की कमी है। डिप्टी रजिस्ट्रार के निर्देशों के बावजूद संबंधित अधिकारियों ने मेरी शोध प्रबंध को स्वीकार नहीं किया।”
एक अन्य शोधकर्ता ने भी बताया कि मैं अपने शोध प्रबंध पर प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक जुलाई को विश्वविद्यालय गया था, लेकिन मेरी रिपोर्ट स्वीकार नहीं की गई और मुझे बाद में आने के लिए कहा गया।
अशोक मोथे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”विश्वविद्यालय को कर्मियों की कमी का मुद्दा सुलझाना चाहिए और दूरदराज से आने वाले छात्रों को होने वाली असुविधा से बचाने के लिए समाधान ढूंढना चाहिए।”
कुलपति डॉ. मनोहर चास्कर ने कहा कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा और संबंधित विभाग के हाल ही में सेवानिवृत्त हुए एक कर्मियों को फिर से नियुक्त किया जाएगा।
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