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Tuesday, 16 December, 2025
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यूपीएससी ने परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ जालसाजी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करायी

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नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने शुक्रवार को परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की, जिनमें फर्जी पहचान के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराना शामिल है।

आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं में शामिल होने से रोकने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयोग ने बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

सूत्रों ने बताया कि शिकायत के बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांगता संबंधी कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) 2023 बैच की अधिकारी खेडकर पर हाल में पुणे में अपने प्रशिक्षण के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने और सिविल सेवा में चयन के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था।

खेडकर पर एक निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाकर रौब गांठने का आरोप है। खेडकर द्वारा उपयोग की जा रही इस लग्जरी कार पर ‘महाराष्ट्र शासन’ भी लिखा हुआ था।

पुणे के जिला कलेक्टर द्वारा मामला उठाए जाने के बाद खेडकर को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्टर कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया।

आयोग ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए चयनित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के संबंध में विस्तृत और गहन जांच की है।’’

इसमें कहा गया है कि जांच से पता चला है कि खेडकर ने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर पहचान छिपाई और परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाया।

बयान के मुताबिक, यूपीएससी ने खेडकर के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराके आपराधिक मुकदमा चलाने सहित कई कार्रवाई शुरू की हैं।

आयोग ने कहा कि वह अपने संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने में सख्ती से मानदंडों का पालन करता है।

बयान में कहा गया, ‘‘यूपीएससी ने जनता, खासकर अभ्यर्थियों से उच्च स्तर का विश्वास और विश्वसनीयता अर्जित की है। आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है कि विश्वसनीयता का यह उच्च स्तर बरकरार रहे और इसमें कोई समझौता न हो।’’

पूजा खेडकर सिविल सेवा परीक्षा के समय दिए गए दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर सवालों के घेरे में हैं। इस मामले की जांच को लेकर केंद्र ने 11 जुलाई को एक सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था।

यूपीएससी के रिकॉर्ड के अनुसार, खेडकर को दिव्यांग व्यक्ति के रूप में ओबीसी श्रेणी के तहत सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 821वीं रैंक मिली थी।

भाषा शफीक धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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