scorecardresearch
Monday, 18 November, 2024
होमदेशयूक्रेन में जो हो रहा है उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा : यूरोपीय आयोग प्रमुख

यूक्रेन में जो हो रहा है उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर असर पड़ेगा : यूरोपीय आयोग प्रमुख

Text Size:

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सोमवार को कहा कि यूरोप यह सुनिश्चित करेगा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस का ‘‘अकारण और अनुचित’’ हमला एक ‘‘रणनीतिक विफलता’’ साबित हो। लेयेन ने साथ ही कहा कि इस संकट का प्रभाव हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर महसूस होना शुरू हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रायसीना संवाद में अपने संबोधन में लेयेन ने रूस और चीन के बीच ‘‘कथित अनियंत्रित समझौते’’ पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों द्वारा फरवरी में ‘‘बिना सीमा वाली मित्रता’’ की घोषणा के तत्काल बाद यूक्रेन पर आक्रमण किया गया। लेयेन ने कहा कि दोनों ने घोषणा की थी कि उनके बीच ‘‘सहयोग का कोई निषिद्ध क्षेत्र नहीं होगा।’’

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इससे पहले लेयेन के साथ अपनी बातचीत में मोदी ने यूक्रेन में शांति को एक मौका देने के महत्व और शांति प्राप्त करने के एकमात्र तरीके के रूप में बातचीत और कूटनीति पर लौटने की आवश्यकता पर बल दिया था।

मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने यूक्रेन में मानवीय स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त की और हिंसा को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया। मंत्रालय ने कहा कि साथ ही दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान और म्यांमा पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

लेयेन ने रायसीना संवाद में अपने संबोधन में कहा कि यूक्रेन में जो हो रहा है, उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इसके साथ ही उन ‘‘नए अंतरराष्ट्रीय संबंधों’’ के बारे में सवाल उठाया, जिसका आह्वान चीन और रूस दोनों ने अपनी ‘‘बिना सीमा’’ वाली मित्रता की घोषणा के बाद किया है।

लेयेन कहा, ‘‘यूक्रेन में जो हो रहा है, उसका हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर प्रभाव पड़ेगा। यह पहले से ही है। कोविड-19 महामारी से दो साल से पीड़ित देशों को अब (व्लादिमीर) पुतिन के युद्ध के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में अनाज, ऊर्जा और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों से निपटना होगा।’’

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) की भारत को स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटलीकरण सहित व्यापक क्षेत्रों में पेशकश पारदर्शी और मूल्यों से प्रेरित होगी तथा नयी दिल्ली के साथ साझेदारी को सक्रिय करना इस दशक में समूह की ‘प्राथमिकता’ है।

उन्होंने 21वीं सदी के लिए यूरोप के नए आम एजेंडे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यूरोप के साथ आप जो देखते हैं, वही आपको मिलता है।’’

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण पर विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए लेयेन ने कहा कि युद्ध के परिणाम न केवल यूरोप के भविष्य को निर्धारित करेंगे, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र और शेष विश्व को भी गहराई से प्रभावित करेंगे।

यूरोपीय नेता ने कहा कि यूक्रेन से आने वाली तस्वीरों ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया है और मॉस्को की हरकतें जैसे कि निर्दोष नागरिकों की हत्या, बल द्वारा सीमाओं को फिर से तय करना और स्वतंत्र लोगों की इच्छा को अधीन करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यूरोप में हम रूस के हमले को हमारी सुरक्षा के लिए सीधे खतरे के रूप में देखते हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यूक्रेन के खिलाफ अकारण और अनुचित हमला एक रणनीतिक विफलता हो।’’

लेयेन ने कहा, ‘‘यही कारण है कि हम यूक्रेन को उसकी स्वतंत्रता के लिए लड़ने में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि हमने तुरंत बड़े, तीखे और प्रभावी प्रतिबंध लगाए हैं।’’

उन्होंने कहा कि प्रतिबंध कभी भी अकेला समाधान नहीं होते हैं और वे एक व्यापक रणनीति में अंतर्निहित होते हैं, जिसमें राजनयिक और सुरक्षा तत्व शामिल होते हैं।

लेयेन ने कहा, ‘‘यही कारण है कि हमने प्रतिबंधों को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए तैयार किया है, क्योंकि यह हमें एक राजनयिक समाधान प्राप्त करने का लाभ देता है, जो स्थायी शांति लाएगा।’’

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यूरोप अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से स्थायी शांति के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह कर रहा है।

यूरोपीय नेता ने कहा कि इन दिनों दुनिया द्वारा लिए गए फैसले आने वाले दशकों को आकार देंगे।

चीन के साथ यूरोपीय संघ के संबंधों पर लेयेन ने कहा कि चीन शांतिपूर्ण और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाने के लिए बीजिंग को प्रोत्साहित करना जारी रखेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यूरोपीय संघ और चीन के बीच संबंध रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण हैं। चीन एक वार्ता साझेदार, एक आर्थिक प्रतिस्पर्धी और पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी है।’’

बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं का उल्लेख करते हुए लेयेन ने यूरोपीय संघ द्वारा ग्लोबल गेटवे शुरू करने के बारे में बात की, जो कि स्वच्छ और टिकाऊ वैश्विक बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए यूरोप का दृष्टिकोण है।

उन्होंने कहा, ‘‘ग्लोबल गेटवे दुनियाभर में प्रमुख बुनियादी ढांचा प्राथमिकताओं का समर्थन करने के लिए 300 अरब यूरो जुटाने में मदद करेगा। स्वच्छ ऊर्जा से लेकर डिजिटलीकरण तक, आप इसे नाम दें, हमारा प्रस्ताव पारदर्शी और मूल्यों से प्रेरित होगा। यूरोप के साथ आप जो देखते हैं, वह आपको मिलता है।’’

भाषा अमित पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments