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मोदी विश्व धरोहर समिति सत्र का उद्घाटन करेंगे

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नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को दिल्ली में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का उद्घाटन करेंगे। यह यूनेस्को का एक प्रमुख आयोजन है जिसका भारत पहली बार 21 से 31 जुलाई तक मेजबानी करेगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि भारत मंडपम में आयोजित होने वाले विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र में यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले भी शामिल होंगी।

मोदी सत्र में मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे। इस बैठक में 150 से अधिक देशों के 2,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का यह आयोजन विरासत को संरक्षित करने के तरीकों पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक ‘महत्वपूर्ण मंच’ है।

उन्होंने कहा, ”यह बहुत खुशी की बात है कि भारत नयी दिल्ली में विश्व धरोहर समिति की बैठक की मेजबानी कर रहा है। यह पहली बार है जब हमारा देश इस समिति की मेजबानी कर रहा है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, ”मैं कल शाम सात बजे कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। यह हमारी विरासत को संरक्षित करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।”

प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया कि 11 दिन के इस सत्र में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में नए स्थलों का नामांकन प्रस्ताव, मौजूदा 124 विश्व धरोहर संपत्तियों की संरक्षण रिपोर्ट की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय सहायता और विश्व धरोहर निधि के उपयोग पर चर्चा की जाएगी।

‘पीटीआई-भाषा’ ने सबसे पहले खबर दी कि प्रधानमंत्री मोदी नयी दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का उद्घाटन करेंगे।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र में दुनिया भर से प्राप्त 27 नए स्थलों के नामांकनों की जांच की जाएगी, जिनमें 19 सांस्कृतिक स्थल, चार प्राकृतिक स्थल और दो मिश्रित स्थल हैं।

सत्र में भारत की ओर से साल 2023-24 के लिए सांस्कृतिक संपत्ति श्रेणी में नामांकित असम के ‘मोइदम्स’ से संबंधित आवेदन की पड़ताल की जाएगी।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अतिरिक्त महानिदेशक जान्हवीज शर्मा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद (आईसीओएमओएस) ने मोइदम्स के अंकन के लिए अनुकूल अनुशंसा की है जिसका अर्थ है कि यह सभी मापदंडों को पूरा करता है।’’

भारत के साथ कुछ अन्य देशों द्वारा भी कई अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

भारत मंडपम में आयोजित होने वाले अन्य कार्यक्रमों में स्वदेशी शिल्प उत्पादों की खरीदारी के अनुभव के अलावा भ्रमण और पर्यटन की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही भारत की डिजिटल विशेषज्ञता को प्रदर्शित करने की भी योजना बनाई गई है।

अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने प्रदर्शनियों का आयोजन किया है।

भारत मंडपम में भारत की संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए हथकरघा और हस्तशिल्प जैसी विभिन्न प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘‘रिटर्न ऑफ ट्रेजर्स प्रदर्शनी में देश में वापस लाई गईं कुछ कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। अब तक 350 से अधिक कलाकृतियों को भारत वापस लाया गया है।’’

बयान में कहा गया, ‘‘कार्यक्रम के दौरान नवीनतम एआर और वीआर प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके भारत के तीन विश्व धरोहर स्थलों का अद्भुत अनुभव प्रदान किया जाएगा, जिसमें गुजरात के पाटन में स्थित रानी की वाव, कैलाश मंदिर, एलोरा गुफाएं, महाराष्ट्र और होयसल मंदिर, हलेबिड, कर्नाटक शामिल हैं।’’

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी सभ्यता, भौगोलिक विविधता और पर्यटन स्थलों के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में आधुनिक विकास को उजागर करने के लिए ‘अतुल्य भारत’ प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

विश्व धरोहर समिति की बैठक साल में एक बार होती है और यह विश्व धरोहर स्थलों से संबंधित सभी मामलों के प्रबंधन तथा यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने वाले स्थलों पर निर्णय लेती है। अब तक 168 देशों की 1,199 संपत्तियों को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जा चुका है।

भाषा प्रीति आशीष

आशीष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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