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Monday, 18 November, 2024
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भारत में बूस्टर खुराक लेने वालों में से 70 प्रतिशत लोगों को तीसरी लहर में कोविड नहीं हुआ: अध्ययन

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नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) भारत में कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक लेने वालों में से 70 प्रतिशत लोग महामारी की तीसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए। यह बात एक अध्ययन में कही गई है जिसमें लगभग छह हजार लोगों को शामिल किया गया।

कोरोना वायरस पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉक्टर राजीव जयदेवन के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में कहा गया है कि टीकाकरण कराने वाले लेकिन बूस्टर खुराक नहीं लेने वालों में से 45 प्रतिशत लोग तीसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित हुए।

सर्वेक्षण में टीकाकरण करा चुके 5,971 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें से 24 प्रतिशत लोग 40 साल से कम आयु वर्ग के थे और 50 प्रतिशत लोग 40-59 आयु वर्ग के थे। अध्ययन में शामिल लोगों में 45 फीसदी महिलाएं थीं, जबकि 53 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी थे।

अध्ययन में शामिल 5,971 लोगों में से 2,383 ने बूस्टर खुराक ली थी और उनमें से 30 प्रतिशत को तीसरी लहर के दौरान कोविड हुआ।

इसमें कहा गया कि बूस्टर खुराक लेने के बाद भी संक्रमित होने वाले, अध्ययन में शामिल 716 लोगों में से तीन प्रतिशत में लक्षण नहीं थे, 58.5 प्रतिशत को हल्का संक्रमण था, 37 प्रतिशत को मध्यम और 0.3 प्रतिशत को गंभीर बीमारी थी।

अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी निष्कर्ष निकाला कि दूसरी खुराक के बाद एक लंबा अंतराल तीसरी लहर के दौरान संक्रमण की उच्च संभावना से जुड़ा था।

अध्ययन में कहा गया कि इसके अलावा, ‘छह महीने के अंतराल से पहले तीसरी खुराक देने से संक्रमण दर में कोई फर्क नहीं पड़ा।’

इसमें यह भी कहा गया है कि तीसरी लहर ने 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया और उनमें से लगभग 45 प्रतिशत लोग इस बीमारी की चपेट में आए।

अध्ययन के अनुसार, तीसरी लहर के दौरान 40-59 आयु वर्ग में लगभग 39.6 प्रतिशत और 60-79 आयु वर्ग में लगभग 31.8 प्रतिशत लोग कोविड से पीड़ित हुए, जबकि 80 साल से ऊपर के 21.2 फीसदी लोग ही संक्रमित हुए।

कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप की वजह से आई तीसरी लहर ने पुरुषों (36.8 प्रतिशत) के मुकाबले महिलाओं (41 प्रतिशत) को अधिक प्रभावित किया।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगवाने वालों में तीसरी लहर के दौरान संक्रमण की दर समान थी।

भाषा नेत्रपाल मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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