scorecardresearch
Tuesday, 24 September, 2024
होमदेशबेंगलोर-चेन्नई शताबदी एक्सप्रेस में ‘प्रोपेगेंडा’ समाचार पत्र बांटा गया, रेलवे ने शुरू की जांच

बेंगलोर-चेन्नई शताबदी एक्सप्रेस में ‘प्रोपेगेंडा’ समाचार पत्र बांटा गया, रेलवे ने शुरू की जांच

Text Size:

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) बेंगलोर-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस में एक ‘प्रोपेगेंडा’ समाचार पत्र बांटे जाने से विवाद पैदा हो गया, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रिया व्यक्त की गई और इसके चलते आईआरसीटीसी को विषय की जांच शुरू करनी पड़ गई।

भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने स्वीकार किया है कि (अंग्रेजी) समाचार पत्र ‘द आर्यावर्त एक्सप्रेस’ ‘‘अनधिकृत’’ है।

यह विषय गोपिका बख्शी नाम की एक यात्री ने ट्विटर पर उठाया। वह लैंगिक न्याय की पैराकार हैं।

उन्होंने शुक्रवार को माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर लिखा, ‘‘आज सुबह मैं बेंगलोर-चेन्नई शताब्दी एक्सप्रेस में सवार हुई, जिसमें हर दूसरी सीट पर इस घोर प्रचारक प्रकाशन द्वारा स्वागत किया गया। इसके बारे में सुना भी नहीं था। आईआरसीटीसी के अधिकारी इसकी अनुमति कैसे दे रहे हैं?’’

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी सवाल किया कि इस तरह के समाचार पत्र को एक ट्रेन में बांटे जाने की अनुमति कैसे मिली।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘क्या माननीय रेल मंत्री इसकी जांच का आदेश देंगे? क्या शताब्दी एक्सप्रेस में प्रचार सामग्री (बांटने) की अनुमति देना रेल मंत्रालय की एक सुविचारित नीति है ? इस मुद्दे को लोकसभा में उठाऊंगा। भारत नफरत के खिलाफ है।’’

कांग्रेस के एक अन्य सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी सवाल किया कि इस तरह के समाचार पत्र को आईआरसीटीसी द्वारा ‘सब्सक्राइब’ प्रकाशनों की सूची में जगह कैसे मिल गई।

सूत्रों ने कहा कि आईआरसीटीसी ने (अंग्रेजी समाचार पत्र) ‘डेक्कन हेराल्ड’ और एक अन्य स्थानीय समाचार पत्र को क्षेत्र में ट्रेन में बांटे जाने के लिए मंजूरी दी है। ये समाचार पत्र आईआरसीटीसी लाइसेंस धारकों द्वारा ट्रेन में बांटे जाते हैं।

आईआरसीटीसी प्रवक्ता आनंद झा ने कहा, ‘‘हमने इसकी जांच का आदेश दिया है। जिम्मेदार पाये जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह समाचार पत्र आईआरसीटीसी से मंजूरी प्राप्त प्रकाशनों में शामिल नहीं है।’’

डिविजनल रेल प्रबंधक (डीआरएम), चेन्नई ने कहा कि विषय की जांच डीआरएम बेंगलोर द्वारा की जा रही है।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ताजा जानकारी यह है कि डीआरएम बेंगलोर इस मुद्दे की जांच कर रहे हैं कि किस तरह एक अनधिकृत समाचार पत्र को ट्रेन में बांटा गया। हम हर किसी को सूचित करना चाहते हैं कि ट्रेन बेंगलुरु डिविजन से संबद्ध है और घटना वहीं हुई है। हम आश्वस्त हैं कि वे उपयुक्त कार्रवाई करेंगे। ’’

बाद में एक ट्वीट में आईआरसीटीसी ने कहा कि सवालों के घेरे में आये समाचार पत्र को नियमित, मंजूरी प्राप्त समाचार पत्रों के अंदर डाला हुआ पाया गया है।

इसने कहा, ‘‘समाचार पत्र विक्रेता को भविष्य में इस तरह का कार्य करने से दूर रहने की सख्त हिदायत दी गई है। ट्रेन पर निगरानी कर्मचारी इसकी कड़ी निगरानी करेंगे। ’’

वहीं, बख्शी ने आईआरसीटीसी के ट्वीट का जवाब देते हुए उसके दावे पर कहा , ‘‘यह (मंजूरी प्राप्त) समाचार पत्र के अंदर डाला हुआ नहीं था–जब मैं ट्रेन पर सवार हुयी तब यह मेरी सीट पर पड़ा हुआ था। अगली सीट पर डेक्कन हेराल्ड था।’’

भाषा

सुभाष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments