नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर अधिकारिक दौरे पर नेपाल के लुम्बिनी जायेंगे जो महात्मा बुद्ध की जन्मस्थली है। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों के बीच पनबिजली परियोजना, सम्पर्क कारोबार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों पर चर्चा होगी । विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी ।
यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों पक्षों के बीच बातचीत के दौरान सीमा विवाद का विषय भी उठेगा, क्वात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि भारत ने हमेशा कहा है कि इस विषय पर स्थापित द्विपक्षीय तंत्र चर्चा करने के लिये श्रेष्ठ रास्ता है और इस विषय का ‘राजनीतिकरण’ किये बिना ‘जिम्मेदारी’ से चर्चा की जानी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नेपाल के अपने समकक्ष शेर बहादुर देउबा के निमंत्रण पर 16 मई को लुम्बिनी जायेंगे ।
वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पांचवीं नेपाल यात्रा होगी । पिछले महीने नेपाल के प्रधानमंत्री देउबा भारत की यात्रा पर आए थे ।
विदेश सचिव ने कहा कि पिछले महीने मोदी और देउबा के बीच दिल्ली में सार्थक चर्चा हुई थी जिसमें पनबिजली और सम्पर्क सहित विविध क्षेत्रों में समझ तथा सहयोग और बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था ।
उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा नेपाल के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करती है। उन्होंने कहा कि वे समझते हैं कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत का समग्र एजेंडा है।
उन्होंने बताया कि लुम्बिनी में दोनों देशों के प्रधानमंत्री द्विपक्षीय वार्ता करेंगे तथा भारत-नेपाल सहयोग तथा साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे ।
एक सवाल के जवाब में क्वात्रा ने बताया, ‘‘ प्रधानमंत्री की नेपाल यात्रा के दौरान पनबिजली परियोजना, कारोबार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों एवं विकासात्मक सहयोग पर चर्चा होगी।’’
पनबिजली परियोजनाओं का जिक्र करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि भारत और नेपाल के संबंध में पनबिजली का काफी महत्वपूर्ण स्थान है तथा भारत ने नेपाल में पनबिजली के क्षेत्र में काफी निवेश किया है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पनबिजली का कारोबार व्यापक रूप ले चुका है और इस बारे में दोनों के बीच लगातार वार्ता जारी है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई प्रत्यक्ष घोषणा होगी या नहीं, इस बारे में अभी कुछ कहना उचित नहीं होगा ।
क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री लुम्बिनी में मायादेवी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। उनका नेपाल सरकार के तहत आने वाले लुम्बिनी विकास ट्रस्ट द्वारा बुद्ध जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करने का भी कार्यक्रम है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री वहां प्रस्तावित बौद्ध संस्कृति एवं धरोहर केंद्र के शिलान्यास समारोह में भी हिस्सा लेंगे ।
लुम्बिनी में दोनों देशों के प्रधानमंत्री द्विपक्षीय वार्ता करेंगे तथा भारत-नेपाल सहयोग तथा साझा हितों से जुड़े मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान करेंगे ।
उन्होंने कहा कि मोदी की यात्रा दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय सम्पर्क को जारी रखने तथा हमारे पड़ोस प्रथम नीति के अनुरूप है जो भारत और नेपाल के लोगों के बीच सभ्यातागत धरोहर को साझा करती है।
मोदी बुद्ध जयंती के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे ।
लुम्बिनी दक्षिणी नेपाल के तराई क्षेत्र में स्थित है और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिये पवित्र स्थल माना जाता है क्योंकि भगवान बुद्ध का जन्म वहां हुआ था ।
नेपाल में भूकंप के बाद पुनर्निर्माण कार्य में भारत के सहयोग के संदर्भ में क्वात्रा ने कहा कि भूकंप के बाद पुनर्निर्माण कार्य की दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क में महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण के इस कार्य में भारत, नेपाल के साथ सहयोग कर रहा है और इसमें 28 सांस्कृतिक स्थल से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं ।
पंचेश्वर परियोजना के संबंध में एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने कहा कि इस बारे में दोनों पक्षों के बीच चर्चा जारी है तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने में तेजी लाने पर जोर दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में उस समय तनाव आ गया था जब वर्ष 2020 में काठमांडू ने नया राजनीतिक नक्शा प्रकाशित किया था ।
भाषा दीपक दीपक नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.