कोलकाता, 16 अक्टूबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में एक व्यवसायी के अपार्टमेंट के बाहर खड़ी एक कार से करीब दो करोड़ रुपये नकदी जब्त की गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
यह राशि शनिवार मध्यरात्रि को जब्त की गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दो व्यवसायी भाइयों-शैलेश पांडे और अरविंद पांडे के शिबपुर इलाके में आवासीय परिसर में फ्लैट हैं और छापेमारी के दौरान अरविंद की कार से राशि जब्त की गई।
अधिकारी ने बताया कि दो बैंक की ओर से कोलकाता पुलिस में 14 अक्टूबर को उन दोनों लोगों के खातों द्वारा बड़ी रकम के लेन-देन की शिकायत मिलने के बाद तलाशी अभियान चलाया गया। उन्होंने बताया कि हरे स्ट्रीट थाने में मामला दर्ज किया गया था और कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग के बैंक धोखाधड़ी रोधी अनुभाग ने जांच शुरू की थी।
अधिकारी ने कहा कि छापेमारी के बाद फ्लैट को सील कर दिया गया। उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान परिवार के सदस्य दोनों आवासीय फ्लैट में मौजूद नहीं थे।
शिबपुर थाने के अधिकारियों की सहायता से कोलकाता पुलिस की एक टीम ने राशि जब्त की। पुलिस टीम या मीडिया का पांडे बंधुओं से अब तक संपर्क नहीं हो सका है।
इस साल जुलाई के बाद से, पश्चिम बंगाल में केंद्रीय या राज्य जांच एजेंसियों द्वारा कई बार बड़ी मात्रा में नकदी जब्ती हुई है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में आम आदमी के पास पैसा नहीं है, लेकिन लोगों के एक छोटे से वर्ग ने ‘‘सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के समर्थन से गलत तरीके से बड़ी संपत्तियां अर्जित की हैं।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यही कारण है कि टीएमसी ने 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी का विरोध किया ताकि पश्चिम बंगाल में लोगों के एक वर्ग द्वारा जमा किए गए काले धन का पता न चले?’’
पलटवार करते हुए टीएमसी के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने कहा, ‘‘इस तरह की जब्ती साबित करती है कि नोटबंदी से काले धन के प्रचलन को रोकने में मदद नहीं मिली। हाल में गुजरात में नोट की जब्ती के बारे में क्या कहेंगे?’’
सेन ने यह भी कहा कि जब्ती इस बात का संकेत है कि कोलकाता पुलिस और राज्य पुलिस अवैध रूप से जमा धन की तलाश में हैं। टीएमसी सांसद ने कहा, ‘‘हमें अपने पुलिस बल पर गर्व है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा विभिन्न राज्यों में विपक्षी दलों की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को गिराने के लिए राजनीतिक कार्यक्रमोंके वित्तपोषण और जनप्रतिनिधियों की खरीद-फरोख्त के लिए पार्टी के करीबी लोगों द्वारा जमा किए गए काले धन का उपयोग कर रही है।
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