नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कॉलेजों में आने के लिए कर्नाटक सरकार के टीका संबंधी आदेश में हस्तक्षेप करने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि ‘व्यापक राष्ट्रीय हित में कुछ ऐसे मामले हैं, जिन पर हमें विचार नहीं करना चाहिए।’’
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार की 16 जुलाई, 2021 की अधिसूचना को बरकरार रखा गया था। सरकार की अधिसूचना में कहा गया था कि जिन शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने टीके की एक खुराक ले ली है, वे कॉलेज आ सकते हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर विचार नहीं करेंगे। आप टीके लें। व्यापक राष्ट्रीय हित में कुछ ऐसे मामले हैं जिन पर हमें विचार नहीं करना चाहिए।’
पीठ ने याचिकाकर्ता सुषमा एस. आराध्या की ओर से पेश अधिवक्ता अनस तनवीर से कहा कि उच्च न्यायालय ने चार दिसंबर 2021 को आदेश दिया था और टीका लगवाने में क्या परेशानी थी।
अधिवक्ता ने कहा कि उनका विश्वास एलोपैथी में नहीं, बल्कि आयुर्वेद में है और वह मास्क पहनते हैं तथा और कोविड संबंधी सभी उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेज आने के लिए टीका संबंधी कोई आदेश नहीं हो सकता।
इस पर पीठ ने वकील से कहा, ‘माफ करें, हम इस पर गौर नहीं करेंगे। आप टीका लगवाएं।’’
भाषा अविनाश दिलीप
दिलीप
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