पुणे, 22 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे किसी भी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक बयान नहीं दें।
महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक भाषण में पार्टी के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमोल मितकारी की एक कथित टिप्पणी के संबंध में पूछे गये सवाल के जवाब में पवार ने यह बात कही। मितकारी ने शादियों में हिंदू रीति-रिवाजों का कथित तौर पर उपहास उड़ाने संबंधी एक टिप्पणी की थी। उनकी टिप्पणी हिंदू विवाह के दौरान किये जाने वाले ‘कन्यादान’ रिवाज से संबंधित थी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पवार ने कहा, ‘‘राजनीतिक नेताओं को, चाहे वे कोई भी दल के हों, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी समुदाय या वर्ग उनके बयानों से निराश या अपमानित नहीं हो।’’
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मितकारी पर एक विशेष समुदाय और हिंदू पुजारियों का उपहास करने का आरोप लगाया है, वहीं राकांपा ने विवादास्पद टिप्पणियों से खुद को दूर रखने की कोशिश की है।
महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के मंत्रियों के सरकारी धन का उपयोग कर निजी अस्पतालों में कोविड-19 का उपचार कराने संबंधी खबरों पर, पवार ने कहा कि उन्होंने अपनी जेब से बिल का भुगतान किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सवाल उन मंत्रियों से पूछें (जिनके निजी अस्पतालों के बिलों का भुगतान सरकार ने किया था)।’’
इस बीच, पुणे में मौजूद भाजपा नेता आशीष शेलार ने राज्य में बिजली संकट के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बिजली कटौती के कारण नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
भाषा
देवेंद्र अविनाश
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