संभाजीनगर (महाराष्ट्र), 19 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के कोल्हापुर के विशालगढ़ किले में हुई हिंसा के मद्देनजर एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने शुक्रवार को पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसा लगता है वह समाज सुधारक शाहू महाराज पर लिखी किताब की विषय-वस्तु भूल गए हैं।
संभाजीराजे छत्रपति ने जलील को कुछ साल पहले संबंधित पुस्तक भेंट की थी।
जलील ने कहा कि वह जल्द ही संभाजीराजे को किताब लौटा देंगे। विशालगढ़ किले में अतिक्रमण विरोधी अभियान रविवार को उस वक्त हिंसक हो गया, जब भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंके और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। मामले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
मराठा शासकों के वंशज संभाजीराजे छत्रपति के नेतृत्व में कुछ दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा के मद्देनजर किले के एक हिस्से में रोक दिए जाने के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
छत्रपति संभाजीनगर (जिसे पहले औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था) के पूर्व सांसद जलील और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विशालगढ़ किले के पास गजपुर में एक मस्जिद और मकानों में कथित तोड़फोड़ के खिलाफ यहां संभागीय आयुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता जलील ने कहा, ‘‘जब संभाजी छत्रपति और मैं संसद में थे, तो उन्होंने एक बार मुझे छत्रपति शाहू महाराज पर एक किताब दी थी और बताया था कि कैसे उनके पूर्वजों ने सभी समुदायों को साथ लेकर काम किया था। लेकिन अब मैं वह किताब लौटा दूंगा, क्योंकि मैंने उसे पढ़ा है और ऐसा लगता है कि संभाजी छत्रपति उसकी विषय-वस्तु भूल गए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मस्जिदों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। कोई भी धर्म लोगों को दूसरे समुदायों के धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़ करने के लिए नहीं कहता। पुलिस ने शुरू में हमारे विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया और अब प्रदर्शन स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। अगर विशालगढ़ में इतनी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया होता तो हिंसा नहीं होती।’’
भाषा आशीष सुरेश
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