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Sunday, 17 November, 2024
होमदेशअदालतों में बुनियादी सुविधाएं विकसित करने संबंधी प्रस्ताव सम्मेलन के एजेंडे का हिस्सा

अदालतों में बुनियादी सुविधाएं विकसित करने संबंधी प्रस्ताव सम्मेलन के एजेंडे का हिस्सा

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नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) अदालतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण के प्रस्ताव को मुख्यमंत्रियों-मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन के एजेंडे का हिस्सा बनाया गया है। यह सम्मेलन छह साल के अंतराल के बाद शनिवार को होने वाला है।

सूत्रों ने सोमवार को बताया कि सम्मेलन के एजेंडे में शामिल अन्य अहम मुद्दों में न्यायिक रिक्तियों को भरना, लंबित मामलों की संख्या में कमी, कानूनी सहायता सेवाएं और भविष्य का खाका तथा ई-कोर्ट चरण-तीन की परिकल्पना आदि शामिल हैं।

यह सम्मेलन न्यायपालिका के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर विचार करने का एक मंच है और इसका पिछला आयोजन 24 अप्रैल, 2016 को किया गया था।

इस तरह के सम्मेलनों का उद्घाटन आम तौर पर प्रधानमंत्री द्वारा प्रधान न्यायाधीश और केंद्रीय कानून मंत्री की उपस्थिति में किया जाता है। इस बार भी प्रधानमंत्री के बैठक का उद्घाटन करने की संभावना है।

कुछ महीने पहले, न्यायमूर्ति रमण ने अदालतों में पर्याप्त बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय न्यायिक अवसंरचना प्राधिकरण की स्थापना के लिए सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था।

प्रस्तावित संगठन भारतीय अदालत प्रणाली के लिए बुनियादी ढांचे के नियोजन, निर्माण, विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिए खाका तैयार करने में केंद्रीय निकाय के रूप में कार्य करेगा।

सरकार ने हाल ही में संसद में कहा था कि प्रस्ताव राज्यों को उनकी टिप्पणियों के लिए भेजा गया है क्योंकि उच्च न्यायालयों और निचली न्यायपालिका के लिए बुनियादी ढांचे के विकास में राज्य सरकारें प्रमुख पक्ष हैं।

सम्मेलन के उद्घाटन के बाद, विभिन्न सत्र आयोजित किए जाते हैं जिनमें मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश एजेंडा के विषयों पर चर्चा करते हैं तथा किसी आम सहमति तक पहुंचने का प्रयास करते हैं।

भाषा अविनाश नेत्रपाल

नेत्रपाल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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