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Thursday, 2 May, 2024
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CoWIN क्या है और कोविड वैक्सीन के लिए आपको इस एप पर कैसे रजिस्टर करना होगा

कोविन एप को फिलहाल सार्वजनिक तो नहीं किया गया है लेकिन यह सिविल सेवकों से लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली प्रबंधक, वैक्सीनेटर और संभावित लाभार्थी तक हर स्तर के यूजर के लिए बहुत उपयोगी है.

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नई दिल्ली: भारत जब दुनिया का सबसे बड़ा कोविड-19 टीकाकरण अभियान, जैसा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं, शुरू करने की तैयारी में है, ऐसे में कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (कोविन) प्रणाली इसकी रीढ़ बनकर उभर रही है.

शुरुआती लक्ष्य 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण है, जिसके लिए पहले ही चार लक्ष्य समूहों को पहचाना और परिभाषित किया जा चुका है. इन समूहों के लिए टीकाकरण प्रक्रिया तब शुरू होगी जब उन्हें अपने मोबाइल फोन पर मैसेज मिलेगा-पहले प्राथमिकता लाभार्थियों की सूची में उनके शामिल होने की जानकारी दी जाएगी और फिर टीकाकरण की तिथि और समय के बारे में बताया जाएगा.

हालांकि, जल्द ही जब एप सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हो जाएगी तो उस पर स्व-पंजीकरण का विकल्प मिलेगा. इसके लिए लोगों को संबंधित पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज लगाने होंगे. यह योजना निर्धारित की गई है.

दिप्रिंट आपको इस एप और उस पर पंजीकरण प्रक्रिया के बारे में जरूरी जानकारी दे रहा है.


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कोविन के बारे में

कई वर्षों से अपना सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम चला रहा भारत ई-विन (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) नामक एक वैक्सीन इंटेलिजेंस सिस्टम का उपयोग कर रहा है, जो वैक्सीन के स्टॉक, पावर आउटेज, तापमान में उतार-चढ़ाव आदि की रीयल टाइम जानकारी मुहैया कराता है. कोविन निश्चित तौर पर ई-विन का विस्तार ही है. यह भारत में कोविड-19 टीकाकरण की योजना, कार्यान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक क्लाउड-आधारित आईटी समाधान है.

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यह हर स्तर पर यूजर के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा— चाहे वह राष्ट्रीय और राज्यों की राजधानियों में सिविल सेवकों से लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली प्रबंधक हो या फिर वैक्सीनेटर अथवा बाद के चरण में शामिल होने वाले संभावित लाभार्थी.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोविड-19 टीकाकरण के लिए तैयार ऑपरेशनल गाइडलाइन के अनुसार, ‘पूरी प्रणाली को यूजर (एडमिन, सुपरवाइजर, वैक्सीनेटर), लाभार्थी पंजीकरण (एक साथ अपलोड करने और व्यक्तिगत पंजीकरण), फैसिलिटी/प्लानिंग यूनिट और सत्र आयोजित करने वाली साइट के मुताबिक योजनाबद्ध करने, सत्र निर्धारित करने और टीकाकरण की प्रक्रिया पर अमल करने को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है.’

गाइडलाइन में कहा गया है, ‘कोविन सिस्टम राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर न केवल लाभार्थियों बल्कि टीके के बारे में भी रियल टाइम ट्रैकिंग करेगा. इससे राष्ट्रीय, राज्य, जिला और उप-जिला स्तर पर भी कोविड-19 टीकाकरण के उपयोग, किसी भी तरह की बर्बादी, कितनी कवरेज हुई आदि की निगरानी करने में आसानी होगी.’

टीकाकरण वाली साइट से लेकर लाभार्थियों की संख्या तक और यहां तक कि बैच नंबर, प्रति शीशी से दी गई खुराक और वैक्सीन के शेड्यूल आदि की हर छोटी-बड़ी जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपलोड की जाएगी.


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प्रारंभिक पंजीकरण केवल जिलों के माध्यम से

एक बार स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं— जो टीकाकरण के लिए पहले दो प्राथमिकता समूह हैं— की पूरी सूची प्राप्त होने के बाद इनका पंजीकरण बल्क डाटा के आधार पर जिला अधिकारियों के माध्यम से किया जाएगा. हर फैसिलिटी चाहे एक अस्पताल हो या क्लिनिक, अपने साथ काम करने वाले व्यक्तियों का पूरा ब्योरा इसमें डालेगी.

सॉफ्टवेयर इसमें किसी तरह की त्रुटि या दोहराव की जांच करेगा और फिर केवल सत्यापित प्रविष्टियों को अपलोड करने की अनुमति देगा.

इसके बाद ही वैक्सीनेटर प्रासंगिक विवरणों और लाभार्थियों की संख्या के आधार पर सेशन साइट बनाएंगे जहां टीकाकरण होगा. फिर उन लाभार्थियों को एसएमएस मिलेगा और उन्हें समय और स्थान की जानकारी दी जाएगी. टीकाकरण हो जाने के बाद वैक्सीनेटर फिर से उस जानकारी को अपलोड करेंगे. यदि कोई लाभार्थी उस समय टीका लगवाने में विफल रहता है, तो उसके लिए बाद की तारीख दी जा सकती है.


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सेल्फ-रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बाद में होगी

एक बार प्रारंभिक समूहों का टीकाकरण पूरा होने के बाद सेल्फ रजिस्ट्रेशन का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा. टीकाकरण के इच्छुक लोग 12 में से किसी एक पहचान दस्तावेज को अपलोड करके अपना पंजीकरण करा सकते हैं. ये इस प्रकार हैं:

– आधार कार्ड

– ड्राइविंग लाइसेंस

– श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड

– मनरेगा जॉब कार्ड

– सांसद/विधायक/एमएलसी को जारी आधिकारिक पहचान पत्र

– पैन कार्ड

– बैंक/डाकघर द्वारा जारी पासबुक

– पासपोर्ट

– पेंशन दस्तावेज

– केंद्रीय/राज्य सरकार/सार्वजनिक उपक्रमों/सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए सेवा पहचान पत्र

– राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत भारत के रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से जारी किया गया स्मार्ट कार्ड

– मतदाता पहचान पत्र

किसी भी व्यक्ति के पास संबंधित जानकारी के प्रमाणीकरण के लिए तीन विकल्प होंगे- बायोमेट्रिक, ओटीपी-आधारित और जन्म तिथि का उपयोग करके इन्हें पुष्ट करना. यदि अंतिम प्रक्रिया सफल होती है, तो पंजीकरण की स्थिति पर एक ग्रीन टिक दिखाई देगा.

ऑपरेशनल गाइडलाइन के मुताबिक, ‘कार्यान्वयन के अगले चरणों में सेल्फ रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल उपलब्ध कराया जाएगा.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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