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Saturday, 20 April, 2024
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वैक्सीन की दो ख़ुराकों के बीच अंतर घटाने के पीछे, UK ने भारतीय वेरिएंट को बताया कारण

ख़ुराकों के बीच अंतराल को 12 सप्ताह से घटाकर, 8 सप्ताह कर दिया गया है. इसके विपरीत, भारत ने कोविशील्ड की ख़ुराकों के बीच अंतराल को बढ़ाकर, 12-16 हफ्ते कर दिया है.

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नई दिल्ली: शुक्रवार को ब्रिटिश सरकार ने ऐलान किया, कि उसने कोविड वैक्सीन्स के पहले और दूसरे डोज़ के बीच अंतराल को घटाने का फैसला किया है; और दूसरे डोज़ के समय को, पहले डोज़ के 12 हफ्ते बाद से घटाकर, आठ हफ्ते बाद कर दिया है. ये क़दम वायरस के बी.1.617 वेरिएंट के, फैलने से जुड़ी चिंताओं के मद्देनज़र उठाया गया है, जो भारत से शुरू हुआ है.

वैक्सीन ख़ुराकों के बीच अंतराल को, कम करने के फैसले की घोषणा करते हुए, शुक्रवार को जॉनसन ने कहा, ‘पिछले सोमवार के बाद से, हमने बी.1.617 वेरिएंट के कुछ बड़े समूह देखे हैं, जो पहली बार भारत में देखा गया. हमारा मानना है कि ये वेरिएंट, पिछले की अपेक्षा अधिक संक्रामक है. लेकिन हमें ये नहीं मालूम, कि कितना अधिक संक्रामक है. हम देश भर के उन लोगों के टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाएंगे, जो 50 वर्ष से अधिक के हैं, और जो चिकित्सकीय रूप से संवेदनशील हैं, ताकि पहले डोज़ के 8 हफ्ते बाद उन्हें दूसरे डोज़ लग जाएं.

नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने भी, इस बदलाव को लेकर ट्वीट किया.

उसने सोशल मीडिया पर कहा, ‘आज सरकार ने कहा कि कोविड वैक्सीन के दूसरे डोज़ को, 12 हफ्ते से आगे लाकर 8 हफ्ता किया जाएगा. लोगों को अपने निश्चित समय पर आते रहना चाहिए, और उन्हें एनएचएस से संपर्क करने की ज़रूरत नहीं है. जिन लोगों को तय समय को आगे करने की ज़रूरत है, उन्हें बता दिया जाएगा कि कब ऐसा करना है’.

ये क़दम उसके एक दिन के बाद उठाया गया है, जब भारत सरकार ने कोविशील्ड की दो ख़ुराकों के बीच के अंतराल को, बढ़ाने का फैसला किया था.

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सरकार ने बृहस्पतिवार को घोषणा की थी, कि दो ख़ुराक के बीच के अंतराल को, छह से आठ हफ्ते से बढ़ाकर, 12 से 16 हफ्ता कर दिया गया है. बृहस्पतिवार को जारी एक वक्तव्य में सरकार ने कहा, ‘वास्तविक जीवन साक्ष्य के आधार पर, ख़ासकर युनाइटेड किंग्डम से, कोविड-19 वर्किंग ग्रुप कोविशील्ड की दो ख़ुराकों के बीच अंतराल को, बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने पर सहमत हो गया है. कोवैक्सीन ख़ुराकों के बीच अंतराल में, किसी बदलाव की सिफारिश नहीं की गई’.

बी.1.617 वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या में इज़ाफे को देखते हुए, यूके में चिंता बढ़ती जा रही थी. ऐसे मामलों में मृतकों की संख्या भी बढ़ी है. ब्रिटेन में अच्छी ख़ासी दक्षिण-एशियाई आबादी है, और अपने देश में वायरस का फैलाव रोकने के लिए, उसने भारत की यात्रा पर पाबंदियां लगा दी हैं, ऐसे समय जब भारत कोविड संक्रमण की, एक दूसरी घातक लहर से जूझ रहा है.

ब्रिटेन का बी.1.617 से संघर्ष

जहां ब्रिटेन का टीकाकरण कार्यक्रम, दुनिया के सबसे तेज़ अभियानों में से एक रहा है- तक़रीबन 70 प्रतिशत वयस्क आबादी को, पहली ख़ुराक मिल चुकी है, जबकि 36 प्रतिशत को दोनों डोज़ मिल चुके हैं- शुक्रवार को सरकार ने कहा कि भारत से आया नया वेरिएंट, एक बड़ी चुनौती पेश कर रहा है, और संक्रमण तेज़ी से बढ़ रहा है. इससे सुरक्षा के लिए बोरिस जॉनसन सरकार ने, दो ख़ुराकों के बीच अंतराल को घटाने का फैसला किया है, ताकि ज़्यादा लोगों को टीका लगाया जा सके. दो ख़ुराकों के बीच के अंतराल को कम कर दिया गया, हालांकि बी.1.617 वेरिएंट के प्रति मौजूदा वैक्सीन के असर को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं.

जॉनसन ने शुक्रवार को प्रेस से कहा, ‘मेरा मानना है कि हमें अपनी वैक्सीन्स पर भरोसा रखना चाहिए, कि वो लोगों को सुरक्षा देंगी, और साथ ही स्थिति पर नज़दीकी से नज़र रखनी चाहिए, क्योंकि हमारे टीकाकरण कार्यक्रम और वायरस के बीच की दौड़, काफी कड़ी हो सकती है’.

रॉयटर्स के अनुसार, बृहस्पतिवार को पब्लिक हेल्थ इंग्लैण्ड ने कहा, कि एक हफ्ते में इंग्लैण्ड में बी.1.617 के, 1,313 मामले सामने आए हैं, जो पिछले सप्ताह के मुक़ाबले दो गुने से ज़्यादा है, और चार मौतों की पुष्टि हुई है.


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लेकिन, सरकार ने कहा कि इस वेरिएंट की वजह से, अस्पतालों में ज़्यादा भर्तियां नहीं हुई हैं, जिसका कारण आबादी में टीका लग जाना हो सकता है. सरकारी अधिकारियों ने ये भी कहा, कि भारत से आने वाला बी.1.617 वेरिएंट, उस बी.1.1.7 वेरिएंट से ज़्यादा संक्रामक है, जो केंट में शुरू हुआ था, और जिसके परिणामस्वरूप यूके में दूसरी लहर आई थी.

नए वेरिएंट के फैलने से ब्रिटिश सरकार का, 21 जून से सभी सार्वजनिक पाबंदियां उठा लेने का फैसला भी प्रभावित हो सकता है. एक बड़ी दक्षिण-एशियाई आबादी होने के कारण, अप्रैल में ब्रिटेन ने देश में आने के लिए, भारत को रेड लिस्ट पर रख दिया था. भारत से आने वाले लोगों को अपने ख़र्च पर, सरकार की ओर से नियुक्त होटलों में, 10 दिन तक क्वारंटीन करना होगा.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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