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Friday, 1 November, 2024
होमहेल्थसर्वे में पता चला 10 में से 9 भारतीयों के नेटवर्क में कोई न कोई कोविड पॉजिटिव मरीज है

सर्वे में पता चला 10 में से 9 भारतीयों के नेटवर्क में कोई न कोई कोविड पॉजिटिव मरीज है

लोकल सर्किल्स के 208 जिलों में किए गए सर्वेक्षण में भी पाया गया है कि 60% लोगों को अपने नेटवर्क में पांच या उससे अधिक कोविड-पॉजिटिव केस होने की जानकारी है.

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नई दिल्ली: भारत में हर 10 में नौ लोगों के सोशल नेटवर्क पर कोई एक या एक से अधिक कोविड-19 मरीज संपर्क में है, एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है.

लोकल सर्किल्स द्वारा बुधवार को जारी सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 60 प्रतिशत लोगों को अपने नेटवर्क में पांच या उससे अधिक कोविड-पॉजिटिव मरीज होने की जानकारी है.

बुधवार तक भारत में सक्रिय कोविड मामले 4 लाख से अधिक हो चुके हैं और वह विश्वभर में कोरोनोवायरस मामलों की कुल संख्या के लिहाज से दूसरे स्थान पर है.

यह सर्वेक्षण देश के 208 जिलों में किया गया और 9,000 से ज्यादा लोगों से जानकारी ली गई, जिनमें 66 प्रतिशत उत्तरदाता पुरुष थे और 34 प्रतिशत महिलाएं थीं. इसमें 58 फीसदी प्रतिक्रियाएं टियर 1 शहरों से मिलीं, टियर 2 शहरों से 23 फीसदी और ग्रामीण जिलों के साथ टियर 3 और 4 शहरों से 18 फीसदी प्रतिक्रियाएं मिलीं.

सर्वेक्षण में उत्तरदाताओं से पूछा गया था, ‘पिछले 8 महीनों के दौरान कोविड-19 ने आपको और आपके सोशल नेटवर्क (परिवार, विस्तारित परिवार, दोस्तों, सहकर्मियों, पड़ोसियों, व्यापारिक सहयोगियों आदि) को कैसे प्रभावित किया?’

जवाब में 28 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे अपने नेटवर्क में 5-10 ऐसे लोगों को जानते हैं जो कोरोनावायरस से संक्रमित हैं, जबकि 26 प्रतिशत ने कहा कि उनके नेटवर्क में ऐसे लोगों की संख्या 1-4 के बीच है, 19 प्रतिशत ने कहा कि 20 से अधिक ऐसे मरीजों को जानते हैं जबकि 13 प्रतिशत का कहना था कि ऐसे लोगों की संख्या 11-20 के बीच है.


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लोग लक्षणों की जानकारी देने से ‘परहेज’ करते हैं

सर्वेक्षण में पता चला है कि 88 प्रतिशत नागरिकों के अपने सोशल नेटवर्क में एक या एक से अधिक संपर्क ऐसा है जो वायरस से पीड़ित हैं.

सितंबर के एक सर्वेक्षण में यह पाया गया था कि 77 प्रतिशत लोगों के अपने सोशल नेटवर्क में कोई न कोई कोविड-19 पीड़ित था, जबकि जुलाई और मई के सर्वेक्षण में यह आंकड़ा क्रमश: 31 प्रतिशत और 7 प्रतिशत था.

लोकल सर्किल्स के नवीनतम सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष भी निकाला गया है कि पिछले सात महीनों के दौरान किए गए सर्वेक्षणों के आधार पर कहा जा सकता है कि इस अवधि में ऐसे लोगों की संख्या 12 गुना बढ़ गई है जिनके सोशल नेटवर्क में किसी न किसी को कोविड-पॉजिटिव पाया गया है.

सितंबर में प्रकाशित इसी तरह के सर्वेक्षण और नवंबर के नवीनतम आंकड़ों की तुलना के आधार पर लोकल सर्किल्स ने कहा कि उन लोगों की संख्या 29 प्रतिशत बढ़ी है जिनके सोशल नेटवर्क में पांच या उससे अधिक लोग कोविड पीड़ित पाए गए हैं.

कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इस बात का उल्लेख भी किया कि त्योहारी सीजन के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़ और प्रदूषण ने उत्तर भारतीय शहरों में कोविड मामलों को तेजी से बढ़ा दिया है.

इसके अलावा, लोकल सर्किल्स ने ऐसे उदाहरणों का जिक्र भी किया कि लोग ‘अपने लक्षणों के बारे में जानकारी देने और जांच कराने से परहेज कर रहे हैं’

लोकल सर्किल्स ने कहा, ‘कई उदाहरणों में यह भी बताया गया कि घर में किसी एक व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद त्योहारी सीजन के कारण आइसोलेशन में रहने या भर्ती होने से परहेज करने का नतीजा पूरे परिवार के संक्रमित होने के तौर पर सामने आया. ऐसे मामलों में आधिकारिक तौर पर कोविड-19 केस के तौर पर तो किसी एक व्यक्ति की ही गिनती हुई जबकि असल में 4-6 लोग कोविड संक्रमित हुए और वह इसे तेजी से फैलाने के जिम्मेदार भी हो सकते हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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