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Saturday, 23 November, 2024
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कोविड-19 की जांच के लिए 24 घंटे चलने वाले बूथ स्थापित करें राज्य: केंद्र सरकार

केंद्र ने राज्यों से कहा है कि इन बूथों पर 24 घंटे कोविड की रैपिड एंटीजन जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए तथा स्वास्थ्यकर्मियों को लक्षणों वाले मरीजों के लिए देश में ही निर्मित जांच किट का उपायोग करने के लिए प्रेरित करें.

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नई दिल्ली: देश में कोविड-19 के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर केंद्र ने सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को विभिन्न स्थानों पर कोविड-19 की जांच के लिए 24 घंटे चलने वाले बूथ स्थापित करने की सलाह दी है.

केंद्र ने राज्यों से कहा है कि इन बूथों पर 24 घंटे कोविड की रैपिड एंटीजन जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए तथा स्वास्थ्यकर्मियों को लक्षणों वाले मरीजों के लिए देश में ही निर्मित जांच किट का उपायोग करने के लिए प्रेरित करें.

राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और भारतीय चिकित्सा एवं अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बुखार, खांसी, सिरदर्द, गले में खराश, सांस फूलना, शरीर में दर्द, स्वाद या गंध का चले जाना, थकान और दस्त लगने की तकलीफ हो तो उसे कोविड-19 के संदिग्ध मरीज के रूप में देखा जाना चाहिए.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और आईसीएमआर के महानिदेशक ने पत्र में कहा, ‘ऐसे सभी व्यक्तियों की जांच की जानी चाहिए. जांच की रिपोर्ट आने तक ऐसे लोगों को तुरंत खुद को अलग कर लेने और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के घर में पृथकवास संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जानी चाहिए.’

दोनों ही अधिकारियों ने पत्र में कहा कि आरटीपीसीआर जांच में पांच से आठ घंटे लगने के कारण नैदानिक पुष्टि में देर होती है इसलिए ‘आपको उस विशेष परिस्थति में तीव्र एंटीजन जांच का व्यापक उपयोग कर जांच बढ़ाने को प्रोतसाहित किया जाता है जहां आरटीपीसीआर जांच से चुनौतियां पैदा होती हैं’.


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