नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी को ‘आपात’ स्थिति करार देते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपात कदम उठाएं.
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि प्रदूषण की स्थिति इतनी खराब है कि लोग अपने घरों के अंदर मास्क पहन रहे हैं. इस बेंच में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल थे.
बेंच ने कहा, ‘हर किसी को किसानों को जिम्मेदार ठहराने की धुन सवार है. क्या आपने देखा कि दिल्ली में पिछले सात दिनों में कैसे पटाखे जलाए गए हैं? यह आपात स्थिति है, जमीनी स्तर पर कई कदम उठाने की जरूरत है.’
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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सोमवार को जवाब मांगा है.
अदालत ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि दिल्ली में स्कूल खुल गए हैं और प्रशासन से कहा कि गाड़ियों को रोकने या लॉकडाउन लगाने जैसे कदम तत्काल उठाए जाएं.
केंद्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब में पराली जलाई जा रही है।
बेंच ने कहा, ‘आपका मतलब यह लगता है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं. दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने से जुड़े कदमों का क्या है?’
तुषार मेहता ने साफ किया कि उनका कहने का मतलब यह नहीं है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं.
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