scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होमहेल्थमास्क पहनने के मामले में दिल्ली और रायपुर सबसे खराब, मुंबई की स्थिति काफी बेहतर: स्टडी

मास्क पहनने के मामले में दिल्ली और रायपुर सबसे खराब, मुंबई की स्थिति काफी बेहतर: स्टडी

सर्वे के अनुसार 11 में से केवल 1 शहर में 50% से अधिक लोग मास्क पहनने के नियमों का पालन करते हैं. मास्क नहीं पहनने वालों में से 36% का कहना है कि कोविड कोई बड़ा खतरा नहीं है, जबकि एक चौथाई से अधिक लोगों को इससे चिड़चिड़ापन या घुटन महसूस होती है.

Text Size:

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी तथा पुणे, रायपुर और चंडीगढ़ 11 प्रमुख शहरों में किए गए एक अध्ययन के दौरान मास्क पहनने के मामले में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शहरों के रूप में उभरे हैं. यह सर्वेक्षण इस बात को पता लगाने के लिए किया गया था कि कितने लोग कोविड-19 के लिए आवश्यक मास्क प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मास्क पहनने संबंधी अनुपालन सबसे कम (28.13 प्रतिशत) प्रतिशत पाया गया. पुणे, चंडीगढ़ और नई दिल्ली ने क्रमशः 33.60 प्रतिशत, 36.30 प्रतिशत और 38.25 प्रतिशत के आंकड़ों के साथ इससे थोड़ा बेहतर अनुपालन दिखाया.

गैर-लाभकारी थिंक-टैंक डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (डीआईएफ) ने 11 शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर विभिन्न आयु समूहों के बीच अवलोकन के आधार पर यह अध्ययन किया. इसके बारे में आंकड़ा 23 नवंबर और 21 दिसंबर 2021 के बीच एकत्र किया गया था और इसमें शामिल किये गए कुल नमूनों (प्रतिभागियों) की संख्या अर्थात सैंपल साइज 10,841 थी.

मास्क संबंधी नियमों के 76.28 प्रतिशत अनुपालन के साथ मुंबई सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला शहर पाया गया. इसके बाद हैदराबाद और शिमला का स्थान रहा लेकिन इनका अनुपालन स्तर, क्रमश: 45.75 प्रतिशत और 40.59 प्रतिशत के साथ काफी राब ही रहा.

जम्मू (39.40 प्रतिशत अनुपालन), कोलकाता (40.55 प्रतिशत), चेन्नई (38.90 प्रतिशत) और गुवाहाटी (38.83 प्रतिशत) इस अध्ययन के दायरे में आने वाले अन्य शहर थे.

इस अध्ययन के अनुसार, 36 प्रतिशत से अधिक मास्क न पहनने वाले प्रतिभागियों ने तर्क दिया कि कोविड-19 कोई बड़ा खतरा नहीं है, जबकि अन्य 26 प्रतिशत ने कहा कि वे मास्क से चिड़चिड़ापन या घुटन महसूस करते हैं.


यह भी पढ़ें: PM मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर बोले सिद्धू- किसान डेढ़ साल बैठे रहे, 15 मिनट फंसे तो हुए परेशान


कपड़े के मास्क का बोलबाला, महिलाएं मास्क पहनने के मामले में बेहतर

दिल्ली में 45.59 फीसदी लोगों ने मास्क नहीं पहना हुआ था. शेष पूरी तरह या आंशिक रूप से मुंह ढंके हुए लोगों में से कम-से-कम 65 प्रतिशत ने कपड़े के मास्क को अन्य प्रकार के मास्क, जैसे कि एन 95 और सर्जिकल मास्क की तुलना में प्राथमिकता दी हुई थी.

ज्ञात हो कि कपड़े के मास्क को कोविड संक्रमण रोकने में अप्रभावी बताया जा रहा है. इसके रोकथाम में एन 95 मास्क बेहतर साबित हो रहा हैं.

दिल्ली में पुरुषों की अपेक्षा महिला आबादी मास्क पहनने के नियम का पालन करने में काफी बेहतर पाई गईं. यहां 31.52 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 47.34 प्रतिशत महिलाओं ने मास्क पहना हुआ था.

अन्य प्रकार के मास्कों की तुलना में कपड़े के मास्क को प्राथमिकता देने के मामले में मुंबई भी दिल्ली की ही तरह दिखा. इस शहर की महिलाएं भी अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में मास्क पहनने में बेहतर थीं.


यह भी पढ़ें: चुनाव आयोग की रिपोर्ट के बाद जांच के घेरे में इमरान खान और उनकी पार्टी PTI, विदेशी चंदे का है मामला


अध्ययन का तरीका

इस अध्ययन के लिए, प्रत्येक शहर के आकार और कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान वहां आये मामलों के आधार पर उनका सैंपल साइज निर्धारित किया गया था.

दिल्ली, कोलकाता और मुंबई जैसे महानगरों में सैंपल साइज 1,500 था, जबकि चंडीगढ़, हैदराबाद और चेन्नई जैसे टियर-2 (द्वितीय श्रेणी) के शहरों में यह 1,000 था. जम्मू, शिमला और गुवाहाटी जैसे छोटे शहरों के मामले में सैंपल साइज 500 का था.

मास्क के नियम के अनुपालन को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया था: पूरी तरह से मुंह ढंके हुए (सही ढंग से मास्क पहनना), आंशिक रूप से मुंह ढंके हुए (नाक के नीचे मास्क पहनना) और बेनकाब (बिना मास्क के रहना या इसे मुंह के नीचे से पहनना).

कपड़े के मास्क, सर्जिकल मास्क और एन 95 मास्क को ‘मास्क’ की परिभाषा के तहत रखा गया था और डबल मास्किंग (दो मास्क लगाए जाने) को एन 95 कैटेगरी में शामिल किया गया था.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: पंजाब में हुई सुरक्षा चूक के बाद CM चौहान समेत कई बड़े नेता PM Modi के लिए मंदिरों में कर रहे पूजा


 

share & View comments