नई दिल्ली: भारत में लगातार बढ़ रहे ओमीक्रॉन के मामलों को लेकर केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया है और उन राज्यों को टीकाकरण में तेजी लाने की सलाह दी है जहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने और मामले की सकारात्मकता, दोहरीकरण दर और नए मामलों के समूह की निगरानी करने और क्रिसमस तथा नए साल से पहले स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करने की सलाह दी गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने टीकाकरण की प्रगति के साथ-साथ कोविड-19 और ओमीक्रोन स्वरूप से निपटने के लिए राज्यों की सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की ऑनलाइन तरीके से समीक्षा करते हुए, राज्यों को सलाह दी कि महामारी का मुकाबला करने के लिए अपनी तैयारियों को पूरा रखें.
बयान में कहा गया है कि उन्होंने दोहराया कि स्थानीय निरूद्ध क्षेत्र जैसे उपायों को तब लागू किया जाना चाहिए जब या तो जांच संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक हो जाए या 40 प्रतिशत से अधिक ऑक्सीजन युक्त बिस्तर मरीजों से भर जायें.
भूषण ने कहा, ‘हालांकि, स्थानीय स्थिति और घनत्व जैसी जनसंख्या विशेषताओं के आधार पर और ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इन सीमाओं तक पहुंचने से पहले ही रोकथाम के उपाय कर सकते हैं और प्रतिबंध लगा सकते हैं.’
राज्यों को सलाह दी जाती है कि किसी भी प्रतिबंध को न्यूनतम 14 दिनों के लिए लागू किया जाना चाहिए.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप के कारण होने वाले संक्रमण के लक्षण सामान्य सर्दी जैसे होते हैं. टीकाकरण के बारे में, राज्यों को सलाह दी गई है कि वे पहली और दूसरी खुराक के छूटे हुए पात्र लाभार्थियों का 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करें और उन जिलों पर विशेष ध्यान दें जहां पहली और दूसरी खुराक कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है.
भूषण ने बैठक में कहा कि अगले कुछ महीनों में जिन राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उन्हें विशेष रूप से कम कवरेज वाले जिलों में टीकाकरण में तेजी लाने की जरूरत है.
रोकथाम रणनीतियों पर, राज्यों को सलाह दी गई है कि वे रात्रि कर्फ्यू लागू करें, बड़ी सभाओं का सख्त नियमन सुनिश्चित करें और कोविड मामलों के नए समूह सामने आने पर ‘निरूद्ध क्षेत्र’ को तुरंत अधिसूचित करें.
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