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Sunday, 22 December, 2024
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केरल के एक जिले में 20,000 से ज्यादा मामलों ने बढ़ायी केंद्र सरकार की चिंता

केरल के पठानमथिट्टा जिले, जहां प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर स्थित है, के अधिकारियों का कहना है कि ब्रेकथ्रू कोविड संक्रमण के मामले यह संकेत भी देते हैं कि हमारी टीकाकारण की रणनीति काम कर रही है क्योंकि ज़्यादा जोखिम वाले लोगों का पहले टीकाकारण किया गया है.

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नई दिल्ली: केरल के छोटे से जिले पठानमथिट्टा के प्रशासनिक अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि इस जिले में अब तक 20,000 से भी अधिक ब्रेकथ्रू कोविड संक्रमण, यानि कि कोविड -19 का टीका लगाए गए लोगों में इसके संक्रमण, की सूचना मिली है.

5042 मरीजो में यह संक्रमण टीके की दोनों खुराक लगने के बाद हुआ, जिनमें से 258 को पूरी तरह से टीकाकरण किये जाने के दो सप्ताह के बाद कोविड पॉजिटिव पाया गया. इसी तरह, केवल एक खुराक प्राप्त करने वाले लोगों में इस तरह के 14,974 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 4,490 मामलों में दूसरा इंजेक्शन लेने के दो सप्ताह बाद कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया. 15 दिनों की यह अवधि इस वजह से महत्वपूर्ण है क्योंकि मानव शरीर को कोरोनावायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में लगभग इतना ही समय लगता है.

इस जिले में स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन और एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड दोनों का उपयोग किया जा रहा है. इन आंकड़ों की पुष्टि करते हुए, पठानमथिट्टा की जिला कलेक्टर डॉ. दिव्या अय्यर ने कहा, ‘हम इस की नियमित रूप से समीक्षा कर रहे हैं. यह भी संभव है कि ब्रेकथ्रू कोविड संक्रमण के ये मामले वास्तव में यह दिखाते हों कि हमारी टीकाकरण रणनीति सटीक रही है … हमने पहले उन लोगों को लक्षित किया है जिन्हें टीका लगाए जाने की ज्यादा आवश्यकता है और जो ज्यादा जोखिम में थे.’

जैसा कि हाल ही में में कोविड -19 संक्रमण की स्थिति का आकलन करने के लिए केरल की यात्रा पर आये एक केंद्र सरकार के एक दल ने भी बताया था, इस जिले में बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागिरक रहते हैं.

जिला कलेक्टर डॉ दिव्या अय्यर ने बताया ‘हमने अब तक अपनी आबादी के 86 प्रतिशत को टीके की एक खुराक देने के साथ-साथ तक़रीबन 51 प्रतिशत लोगों को टीके की दोनों खुराक भी लगा दी है. हम हर महीने लगभग 50 नमूने जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजते हैं और अब तक हमें डेल्टा वेरियेंट के आलावा किसी भी नए प्रकार के संक्रमण का पता नहीं चला है.’

केंद्रीय टीम ने भी भारत सरकार को दी गयी अपनी रिपोर्ट में केरल में ब्रेकथ्रू कोविड संक्रमण के मामलों की चिन्हित किया था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को लिखे अपने पत्र में, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास है, कहा है, ‘टीकाकरण के बाद भी कोविड संक्रमण रोकने के लिए आवश्यक उपयुक्त व्यवहार (कोविड एप्रोप्रियेट बेहेवियर) का पालन और प्रभावी निगरानी आवश्यक है. इसके साथ ही ब्रेकथ्रू कोविड संक्रमण के नमूनों की नियमित जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए इनको इंसकोग की प्रयोगशालाओं में भेजना भी जरुरी है.’


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एकदम से बुरी खबर भी नहीं है ब्रेकथ्रू कोविड संक्रमण

इस छह सदस्यीय केंद्रीय टीम ने बताया है कि पहाड़ी इलाक़ा होने के कारण इस जिले में लगाया गया माइक्रो कंटेनमेंट बेहतर ढंग से काम कर रहा है.

इस दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, ‘राज्य द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 30 जुलाई 2021 तक सामने आये कोविड के मामलों और इससे हुई मौतों की संख्या क्रमशः 130268 और 520 थीं. इन मामलों में मृत्यु दर 0.40% थी. वहीं 30 जुलाई 2021 को टोटल पाजिटिविटी रेट (सकारात्मक परीक्षण की दर) 9.1% थी. पठानमथिट्टा जिले की भौगोलिक स्थिति राज्य के बाकी जिलों से कुछ अलग है. इसमें बिखरी हुई आबादी वाले पहाड़ी इलाके की बहुलता है. इसके अलावा, आदिवासी आबादी भी काफी अधिक मात्रा में है. इसलिए यहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन की रणनीति राज्य के बाकी हिस्सों की तुलना में बेहतर काम कर रही है. पठानमथिट्टा में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी का प्रतिशत देश में सबसे अधिक है.’

हालांकि, ब्रेकथ्रू कोविड संक्रमण के मामले चिंता का कारण है, विशेष रूप से सार्स-कॉव 2 के तेजी से म्युटेशन के इतिहास और उन परिवर्तनों में से कुछ की वायरस के खिलाफ टीकों को कम प्रभावी बनाने की संभावना के कारण. लेकिन यह भी एक ज्ञात तथ्य है कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान, कोवैक्सीन और कोविशील्ड दोनों का इस बीमारी के गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में उनकी प्रभावकारिता हेतु परीक्षण किया गया था.

डॉ. अय्यर, जो खुद भी एक प्रशिक्षित चिकित्सक हैं, के अनुसार, ‘ब्रेकथ्रू कोविड संक्रमण का एक सकारात्मक पहलू यह भी है कि यदि इन लोगों को टीका नहीं लगाया गया होता, उनमें से कई को गंभीर संक्रमण का सामना करना पड़ा होता.‘

उन्होंने आगे बताया, ‘हमारे पास टीके की सीमित उपलब्धता के कारण हम उन लोगों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो ज्यादा जोखिम वाले है जैसे कि फ्रंटलाइन वर्कर्स, बूढ़े लोग, पहले से किसी गंभीर बीमारी (कॉमॉर्बिडिटी) वाले लोग आदि. इस सारे मामले को देखने का एक तरीका/ नज़रिया यह भी है कि हम संक्रमण की गंभीरता को कम करने में कामयाब रहे हैं, और हमने सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों में अस्पताल में भर्ती होने या किसी भी तरह के अन्य अवांछनीय परिणामों को रोका है. हमारा टोटल पॉज़िटिविटी रेट (टीपीआर) इस समय लगभग 7-8 प्रतिशत है और हम सप्ताह में दो बार मुख्यमंत्री के स्तर पर इसकी समीक्षा करते हैं.’

फिलहाल, पठानमथिट्टा प्रति दिन कोविड के 500-700 मामले दर्ज कर रहा है. पिछले 24 घंटों में, इसने 536 नए संक्रमण और दो मौतों की सूचना दी. अब तक, इस जिले में 1,33,346 पुष्ट मामले और 533 मौतें हुई हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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