नई दिल्ली: एक चीनी कोविड वैक्सीन के पहले/दूसरे दौर के क्लीनिकल ट्रायल्स के नतीजों में पाया गया है कि ये सुरक्षित है और अच्छा एंटीबॉडी रेस्पॉन्स पैदा करती है.
बीजिंग में साइनोवैक लाइफ साइंसेज़ द्वारा निर्मित कोरोनावैक में एक निष्क्रिय किया हुआ सार्स-सीओवी-2 वायरस होता है. ट्रायल के नतीजे दि लांसेट इन्फेक्शस डिज़ीज़ेज़ पत्रिका में छपे हैं.
शोधकर्ताओं ने कहा, ‘हमने पाया कि अलग अलग ख़ुराक के साथ, कोरोनावैक के अलग अलग सघनता के दो डोज़, 18 से 59 वर्ष के वयस्कों में अच्छे से सहन कर लिए गए और मध्यम रूप से इम्युनोजेनिक पाए गए. 3 यूजी और 6 यूगी ग्रुप में प्रतिकूल प्रतिक्रिया के मामले भी एक जैसे थे, जिनसे ख़ुराक से जुड़ी कोई चिंता ज़ाहिर नहीं होती, लेकिन इस पर आगे भी लंबे समय तक, काम करने की आवश्यकता है’.
उन्होंने ये भी कहा, ‘सबसे प्रतिकूल रिएक्शन भी हल्के थे, जिनमें सबसे आम लक्षण इंजेक्शन की जगह पर दर्द था, जो (बीजिंग स्थित एक और फार्मास्यूटिकल ग्रुप) साइनोफार्म की एक अन्य निष्क्रिय कोविड-19 वैक्सीन के, पहले के नतीजों के मुताबिक़ ही है.
रिसर्चर्स ने कहा कि वायरल वेक्टर्ड वैक्सीन्स या डीएनए अथवा आरएनए वैक्सीन्स जैसे अन्य कोविड-19 कैंडिडेट्स की तुलना में, कोरोनावैक वैक्सीन दिए जाने के बाद बुख़ार होने की घटनाएं अपेक्षाकृत कम थीं. सिर्फ एक ग्रुप में एक केस सामने आया, जिसमें स्टडी ड्रग का पहला डोज़ देने के 48 घंटे के भीतर, तीव्र अतिसंवेदनशीलता के साथ पित्ती उछलते देखा गया.
चूंकि ये एक शुरुआती स्टेज का ट्रायल वैक्सीन कैंडिडेट था, इसलिए इसके प्रभाव की जांच नहीं की जा रही थी.
16 से 25 अप्रैल के बीच वैक्सीन कैंडिडेट के पहले दौर के ट्रायल के लिए, 144 प्रतिभागियों को नामांकित किया गया था. और 3 से 5 मई के बीच, इसके दूसरे दौर के ट्रायल के लिए 600 प्रतिभागी नामांकित किए गए. कुल 743 प्रतिभागियों को वैक्सीन का, कम से कम एक डोज़ मिल चुका था.
वैक्सीन ने बे-असर करने वाले एंटीबॉडीज़ पैदा किए
कोरोनावैक से पैदा हुए बे-असर करने वाले एंटीबॉडी टिटर्स (जो ब्लड सैम्पल में एंटीबॉडीज़ के स्तर को दर्शाते हैं) का औसत, 23.8 से 65.4 के बीच था, जो उन लोगों के लेवल्स से कम था, जिन्हें पहले कोविड-19 हो चुका है (औसत स्तर 163.7).
लेकिन, दूसरी वैक्सीन्स के अपने अनुभव और मैकाक्स पर हुईं प्री-क्लीनिकल स्टडीज़ के डेटा के आधार पर, रिसर्चर्स अभी भी मानते हैं कि कोरोनावैक, कोविड-19 से पर्याप्त सुरक्षा दे सकती है.
साइनोवैक से स्टडी के लेखकों में से एक, डॉ. गैंग ज़ेंग ने कहा, ‘कोरोनावैक उन बहुत सी कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट्स में से एक है, जिन पर साथ साथ काम किया जा रहा है. बहुत सारी वैक्सीन तकनीकें हैं जिनकी जांच हो रही है, जिनमें से हर एक के अपने फायदे और नुक़सान हैं. कोरोनावैक एक अच्छा विकल्प हो सकती है, चूंकि इसे 2 से 8 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच, एक साधारण रेफरिजरेटर में रखा जा सकता है, जो फ्लू जैसी किसी भी दूसरी वैक्सीन के साथ होता है’.
ज़ेंग ने आगे कहा, ‘ये वैक्सीन स्टोरेज के अंदर तीन साल तक स्थिर रह सकती है, जिससे इसे ऐसे क्षेत्रों में वितरित करने में फायदा रहेगा, जहां रेफरिजरेशन सुविधा भी एक चुनौती होती है लेकिन कोरोनावैक के संभावित इस्तेमाल के बारे में कुछ भी सिफारिश करने से पहले, तीसरे दौर की स्टडीज़ का डेटा बहुत अहम रहेगा’.
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