नई दिल्ली/लंदन: कोविड रोधी टीके के प्रमाणन संबंधी विवाद को खत्म करते हुए ब्रिटेन ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके भारतीयों को अब 11 अक्टूबर से ब्रिटेन पहुंचने पर पृथक-वास (क्वारेंटाइन) में रहने की जरूरत नहीं होगी.
भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा, ‘ब्रिटेन जाने वाले ऐसे भारतीय यात्रियों के लिए 11 अक्टूबर से पृथक-वास में रहने की जरूरत नहीं होगी जिन्हें कोविशील्ड या ब्रिटेन द्वारा अनुमोदित किसी अन्य टीके की दोनों खुराक लगी हैं. अब ब्रिटेन जाना आसान होगा. यह एक अच्छी खबर है. पिछले महीने के दौरान करीबी सहयोग के लिए भारत सरकार को धन्यवाद.’
ब्रिटिश उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन ने अंतरराष्ट्रीय यात्रा संबंधी नियमों में बदलाव किया है और अब भारत के टीकाकरण प्रमाणन को 11 अक्टूबर से मान्यता दी जाएगी.
वहीं, अपने नवीनतम यात्रा दिशानिर्देशों में ब्रिटेन ने कहा कि ‘लाल सूची’ सात देशों तक सीमित हो जाएगी और भारत समेत 37 नए देशों तथा क्षेत्रों के टीकाकरण के प्रमाण को सोमवार तड़के चार बजे से मान्यता दी जाएगी.
नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार ने भारत, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की सहित दुनिया भर के 37 देशों और क्षेत्रों के लिए टीकाकरण आगमन प्रणाली का विस्तार किया है.
भारत ने इससे पहले कहा था कि वह टीका प्रमाणन विवाद का समाधान खोजने को लेकर आशान्वित है, जिसके कुछ घंटे बाद यह घोषणा सामने आई.
उल्लेखनीय है कि चार अक्टूबर को प्रभावी हुए ब्रिटेन के नए नियमों के अनुसार, कोविशील्ड टीके की दोनों खुराक लगवा चुके भारतीय यात्रियों को 10 दिन के पृथक-वास में रहना अनिवार्य किया गया था. इसके बाद, भारत ने एक जवाबी कदम उठाते हुए ब्रिटेन से भारत पहुंचने वाले ब्रिटिश नागरिकों का 10 दिन का पृथक-वास में रहना अनिवार्य कर दिया था, चाहे उनका पूर्ण रूप से कोविड-19 रोधी टीकाकरण हो चुका हो.
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