नई दिल्ली: भारत पहले चरण में 16 जनवरी से 30 करोड़ लोगों को कोविड-19 टीका लगाने का कार्यक्रम शुरू करके दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसके पहले 3 जनवरी को मोदी सरकार ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की थी.
दिप्रिंट आपको यहां आंकड़ों के जरिये पूरे अभियान की जानकारी देने के साथ बता रहा है कि इसे कैसे चलाया जाएगा.
भारत में स्वीकृत टीकों की संख्या: 2
3 जनवरी को सरकार ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की थी. भारत बायोटेक अब तक चरण 1 और चरण 2 का ट्रायल पूरा कर चुका है, लेकिन देशभर में 25 केंद्रों पर तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है और इसमें 25,000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं. एसआईआई ने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए नामांकन नवंबर में पूरा किया था.
खुराक दी जानी हैं : 66 करोड़
पहले चरण में 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण को पूरा करने के लिए 10 फीसदी के नुकसान के आकलन के साथ 66 करोड़ खुराक की आवश्यकता होगी. यह पूरे इंग्लैंड में टीकाकरण के लिए आवश्यक खुराक के कहीं ज्यादा है, जिसकी कुल आबादी 6.6 करोड़ है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि हर व्यक्ति को 28 दिनों के अंतराल पर दो खुराक के साथ टीका दिया जाना है. वैक्सीन का प्रभाव दूसरी खुराक दिए जाने के 14 दिनों के बाद ही नजर आने की उम्मीद है.
खरीदी गई खुराक : 165 लाख
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मोदी सरकार एसआईआई से कोविशील्ड की 110 लाख और भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 55 लाख खुराक खरीद रही है. प्रति शीशी कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 200 रुपये प्रति खुराक है. कोवैक्सीन की कीमत 206 रुपये प्रति खुराक है.
भारत ‘एचसीक्यू मॉडल’ का पालन करेगा, यानी अन्य देशों को टीके की आपूर्ति पर ‘कोई रोक’ नहीं है लेकिन इसे सीमित करने वाली ‘पाबंदियां’ जरूर होंगी क्योंकि सरकार सबसे पहले जनता को लगाने के लिए टीकों की खरीद कर रही है.
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प्राथमिकता वाले लाभार्थी : 30 करोड़
सरकार ने चार प्राथमिकता समूह निर्धारित किए हैं जिनका कोविड टीकाकरण सबसे पहले होगा.
पहले दो समूहों में स्वास्थ्य सेवा प्रदाता और कर्मचारी (एचसीडब्ल्यू), सरकारी और निजी दोनों ही स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्यकर्ता (सरकारी अनुमानों के अनुसार लगभग 1 करोड़), और अग्रणी कार्यकर्ता (लगभग 2 करोड़), जिनमें राज्य और केंद्रीय पुलिस विभाग, सशस्त्र बल, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा संगठन के कार्मिकों के अलावा नगरपालिका के कर्मचारी (स्वास्थ्य सेवा कार्यकर्ताओं को छोड़कर) शामिल हैं.
अन्य दो समूहों में 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग और कोमोर्बिडिटी वाले कम उम्र के लोग शामिल हैं.
कुल मिलाकर इन समूहों में शामिल लोगों की संख्या अनुमानत: 30 करोड़ के करीब है.
को-विन में पंजीकृत एचसीडब्ल्यू: 70.33 लाख
‘कोविड-19 वैक्सीन के लिए तैयारी’ पर स्वास्थ्य मंत्रालय के 25-स्लाइड वाले एक प्रेजेंटेशन के मुताबिक, टीकाकरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से डेवलप किए गए मोबाइल एप्लीकेशन ‘को-विन’ पर कुल 70,33,338 स्वास्थ्यकर्मी पंजीकृत किए गए हैं. को-विन का उपयोग किसी व्यक्ति के टीकाकरण के पंजीकरण कराने से लेकर उसके टीका लेने और उसके बाद नजर आए प्रभाव तक पूरी टीकाकरण प्रक्रिया को ट्रैक करने के लिए किया जा रहा है.
दिप्रिंट ने 31 दिसंबर को दिए गए इस प्रेजेंटेशन की जानकारी हासिल की है.
को-विन में पंजीकृत वैक्सीनेटर: 2.34 लाख
उसी प्रेजेंटेशन के मुताबिक, 51,459 सरकारी और 1,62,933 निजी स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में 2,34,421 वैक्सीनेटर पंजीकृत किए गए हैं.
प्रशिक्षकों के राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण में प्रशिक्षित कर्मी : 2,360
इसमें राज्य टीकाकरण अधिकारी, कोल्ड चेन अधिकारी, आईईसी (सूचना शिक्षा एवं संचार) अधिकारी, डेवलपमेंट पार्टनर और अन्य शामिल हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने बताया था कि उसने चिकित्सा अधिकारियों, वैक्सीनेटर अधिकारियों, वैकल्पिक वैक्सीनेटर अधिकारियों, कोल्ड चेन हैंडलर, पर्यवेक्षकों, डाटा प्रबंधकों और आशा कोऑर्डिनेटर को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है.
स्थानीय स्तर पर ट्रेनिंग में प्रशिक्षित कार्मिक: 6 लाख से अधिक
राज्यों, जिलों और ब्लॉक स्तरों पर प्रशिक्षण के तहत 61,000 से अधिक प्रोग्राम मैनेजर, 2 लाख वैक्सीनेटर के अलावा टीकाकरण टीम के 3.7 लाख अन्य सदस्यों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
टीकों का भंडारण: 29,000 कोल्ड चेन प्वाइंट्स
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने बताया था कि कोविड-19 टीकों के भंडारण के लिए 29,000 कोल्ड चेन प्वाइंट्स, 240 वॉक-इन कूलर, 70 वॉक-इन फ्रीजर, 45,000 आइस-लाइन्ड रेफ्रिजरेटर, 41,000 डीप फ्रीजर और 300 सोलर रेफ्रिजरेटर का इस्तेमाल किया जाएगा.
मंत्रालय के अनुसार, राज्यों को इन सभी उपकरणों की आपूर्ति पिछले महीने ही की जा चुकी है. केंद्र और राज्यों के 23 मंत्रालयों की भी पहचान की गई और उन्हें टीकाकरण अभियान शुरू करने की योजना बनाने और उसे लागू कराने का जिम्मा सौंपा गया है.
वैक्सीन भंडारण: 4 प्राइमरी स्टोर, 37 स्टेट स्टोर
करनाल, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में चार सरकारी मेडिकल स्टोर डिपो (जीएमएसडी) हैं. कुल मिलाकर देश में 37 वैक्सीन स्टोर हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने 5 जनवरी को कहा था कि यहां पर वैक्सीन का थोक में भंडारण होगा और यहीं से खुराक आगे वितरित की जाएंगी.
परिवहन: 71.22 लाख खुराक विमानों से जाएंगी
भारत ने मंगलवार को हवाई मार्ग से वैक्सीन भेजने का काम शुरू कर दिया और सभी भारतीय एयरलाइन्स टीके एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के काम में लगी हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 12 जनवरी को शाम चार बजे तक कोविशील्ड की 54.72 लाख खुराक पहुंचाई गई थीं.
सभी खुराक का निर्धारित जगहों तक पहुंचाने का काम 14 जनवरी को पूरा हो जाएगा.
कोवैक्सीन की 16.5 लाख खुराक की पहली खेप बुधवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से हैदराबाद से नई दिल्ली पहुंचाई गई.
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