नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के नए अध्ययन से पता चला है कि देश में निर्मित भारत बायोटेक की कोवैक्सीन सार्स-कोवि-2 के सभी तरह के वेरिएंट्स के लिए प्रभावी है.
नए अध्ययन में ये भी कहा गया है कि कोवैक्सीन डबल म्यूटेंट स्ट्रेन के लिए भी प्रभावी है. भारत में कोविड की आई दूसरी लहर के पीछे डबल म्यूटेंट स्ट्रेन को कारण माना जा रहा है. इसी के साथ यूके, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीकी स्ट्रेन्स से भी लोग प्रभावित हो रहे हैं.
ICMR study shows #COVAXIN neutralises against multiple variants of SARS-CoV-2 and effectively neutralises the double mutant strain as well. @MoHFW_INDIA @DeptHealthRes #IndiaFightsCOVID19 #LargestVaccineDrive pic.twitter.com/syv5T8eHuR
— ICMR (@ICMRDELHI) April 21, 2021
भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को भारत में तथा कई अन्य देशों में कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकालीन प्रयोग के लिए अधिकृत किया गया था.
आईसीएमआर ने कहा है कि नेशलन इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने सार्स कोवि-2 वायरस के कई वेरिएंट्स को सफलापूर्वक अलग किया है. जिनमें यूके वेरिएंट का B.1.1.7, ब्राजील वेरिएंट का B.1.1.28, साउथ अफ्रीकन वेरिएंट का B.1.351 शामिल हैं.
आईसीएमआर ने ये भी कहा है कि एनआईवी ने यूके वेरिएंट और ब्राजील वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन की क्षमता का भी प्रदर्शन किया है.
आईसीएमआर ने कहा कि डबल म्यूटेंट के खिलाफ भी कोवैक्सीन असरदार है.
आईसीएमआर ने बताया कि एनआईवी ने देश के कई क्षेत्रों और दुनिया के कई देशों में डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1.617 को अलग करने में सफल रहा है.
भारत में अभी दो वैक्सीन्स का उपयोग लोगों पर किया जा रहा है. जिसमें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड है और दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन. अब तक देश में 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर के आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन का तीसरे चरण की शुरुआत होगी.
बीते कई दिनों से देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. देश में बीते 24 घंटों में 2 लाख 95 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले आए और 2,023 लोगों की मौत भी हुई है.
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