नई दिल्ली: हरियाणा ड्रग कंट्रोलर ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स को कंपनी के प्लांट में निरीक्षण के बाद कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कंपनी के उत्पादन पर रोक लगा दी है.
हरियाणा सरकार का यह फैसला विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के उस दावे के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि दवा निर्माता द्वारा बनाए जाने वाले कफ और कोल्ड सिरप की वजह से अफ्रीका के गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत हुई है.
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि अधिकारियों ने सोनीपत में एक मेडेन फार्मास्युटिकल्स फैक्ट्री का निरीक्षण किया और गुड प्रैक्टिस के 12 उल्लंघन पाए जाने के बाद उत्पादन बंद करने का आदेश दिया गया है.
विज ने कहा कि केंद्र और राज्य के विभागों ने प्लांट का संयुक्त निरीक्षण किया था और उत्पादन में 12 खामियां पाई गई थीं.
विज ने कहा, ‘केंद्रीय और हरियाणा के दवा विभागों ने एक संयुक्त निरीक्षण किया. करीब 12 खामियां मिलीं. इसे ध्यान में रखते हुए, यह फैसल लिया गया है कि उत्पादन बंद कर दिया जाएगा और नोटिस पहले ही दिया जा चुका है.’
डब्ल्यूएचओ ने पिछले हफ्ते कहा था कि चार मेडेन उत्पादों – प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ़ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप की जांच में डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की ‘अस्वीकार्य’ मात्रा पाई गई, जो इसे जहरीली बनाती है और किडनी को बेहद नुकसान देती है.
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि दवाएं मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित कफ और कोल्ड सिरप थे. डब्ल्यूएचओ भारत में कंपनी और नियामक प्राधिकरणों के साथ आगे की जांच कर रहा है.
गाम्बियन पुलिस ने मंगलवार को एक प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा था कि किडनी में गंभीर जख्म होने से 69 बच्चों की मौत का संबंध भारत में बने कफ सिरप से था जिसे एक अमेरिका आधारित कंपनी के माध्यम से आयात किया गया था.
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कंपनी ने जताया था दुख
हालांकि 9 अक्टूबर को मेडेन फार्मास्युटिकल्स ने गाम्बिया में उनके द्वारा निर्मित खांसी का सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत पर दुख जताया था.
फार्मा कंपनी ने बच्चों की मौतों पर हैरानी जताते हुए कहा था, ‘हम मौतों के बारे में मीडिया रिपोर्टों को सुनकर स्तब्ध हैं और हमें इस घटना पर गहरा दुख हुआ है. हमें 5 अक्टूबर, को गाम्बिया में हमारे एजेंट से आधिकारिक जानकारी मिली थी. अगली दिन, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हमारे खिलाफ अलर्ट जारी किया था.’
एक आधिकारिक बयान में कंपनी के निदेशक, विवेक गोयल ने कहा था, ‘हम तीन दशकों से अधिक समय से दवाओं के क्षेत्र में हैं और ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (इंडिया) और स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर, हरियाणा सहित स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं.’
उन्होंने आगे कहा कि उनके पास उन उत्पादों के निर्यात के लिए वैध दवा अनुमोदन है. इनकी कंपनी घरेलू बाजार में कुछ भी नहीं बेचती है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कंपनी प्रमाणित और प्रतिष्ठित कंपनियों से कच्चा माल खरीदती है.
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