नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले, मोदी सरकार ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन को पत्र लिखककर NEET-PG परीक्षा 2022 को 68 हफ्ते या उपयुक्त समय के लिए स्थगित करने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट आज परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. पहले यह परीक्षा 12 मार्च को होने वाली थी.
3 फरवरी को एनबीई को लिखे एक पत्र में, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (चिकित्सा शिक्षा), डॉ बी श्रीनिवास ने लिखा: ‘मुझे यह कहने का निर्देश दिया गया है कि एनएमई (राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड) द्वारा जारी की गई सूचना बुलेटिन में प्रकाशित एनईईटी-पीजी 2022 परीक्षा तिथि यानी 12.03.2022 में देरी करने के लिए हमें कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं. यह NEET-PG 2021 काउंसलिंग से भी क्लैश कर रही है. साथ ही, कई इंटर्न मई/जून 2022 तक पीजी काउंसलिंग 2022 में भाग नहीं ले पाएंगे.’
उन्होंने कहा: ‘उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए माननीय एचएफएम (स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री) ने एनईईवाई-पीजी 2022 को 6-8 सप्ताह या उपयुक्त रूप से स्थगित करने का निर्णय लिया है.इसलिए, एचएफएम के निर्णय का अनुपालन किया जा सकता है.’
यह पत्र प्रोफेसर एम बाजपेयी, कार्यकारी निदेशक, एनबीई को लिखा गया है. इसकी एक कॉपी दिप्रिंट के पास मौजूद है.
पिछले महीने, छह एमबीबीएस छात्राों ने दुबे लॉ चैंबर्स के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें एनबीई को निर्धारित परीक्षा को स्थगित करने का निर्देश देने की मांग की गई, जिसमें उन्होंने कहा कि जब तक कि पीजी विनियमों में निर्धारित अनिवार्य इंटर्नशिप अवधि को पूरा करने जैसी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया जाता है तब तक परीक्षा टाल दी जाए.
याचिका में तर्क दिया गया था कि बड़ी संख्या में एमबीबीएस छात्रों को कोविड महामारी से लड़ने के लिए लगाया गया था और इस तरह वे अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर सके, जो उन्हें परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य बना देगा, इसलिए अदालत को परीक्षण को स्थगित करने का निर्देश देना चाहिए.
नीट-पीजी के नियमों के अनुसार एमबीबीएस के छात्रों को इस परीक्षा में बैठने के लिए पहले एक साल की इंटर्नशिप पूरी करनी होगी.
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