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Monday, 23 December, 2024
होमहेल्थबूस्टर डोज के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए तैयार भारत बायोटेक, नाक से दी जाएगी वैक्सीन

बूस्टर डोज के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए तैयार भारत बायोटेक, नाक से दी जाएगी वैक्सीन

भारत बायोटेक ने भारत के औषधि नियामक से नाक के जरिए दिए जाने वाले कोविड-रोधी टीके के तीसरे चरण के अध्ययन के लिए इजाजत मांगी है. कंपनी ने दोनों डोज ले चुके लोगों को बूस्टर खुराक के तौर पर इस टीके का अध्ययन करने के लिए अनुमति मांगी है.

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नई दिल्ली/हैदराबाद: भारत बायोटेक ने भारत के औषधि नियामक से नाक के जरिए दिए जाने वाले कोविड-रोधी टीके के तीसरे चरण के अध्ययन के लिए इजाजत मांगी है. कंपनी ने पूर्ण टीकाकरण करा चुके लोगों को बूस्टर खुराक के तौर पर इस टीके का अध्ययन करने के लिए अनुमति मांगी है.

भारत ने हैदराबाद स्थित कंपनी द्वारा विकसित किए गए नाक से दिए जाने वाले टीके ‘बीबीवी154’ के उपयोग को अबतक मंजूरी नहीं दी है.

इस बीच भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कंपनी द्वारा उत्पादित किए जा रहे ‘कोवैक्सीन’ टीके के उपयोग को निर्माण से 12 महीने की अवधि तक इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी.

हैदराबाद में सूत्रों ने बताया, ‘कंपनी ने डीसीजीआई को आवेदन दिया है और उसकी मंजूरी का इंतजार कर रही है. नाक से दिए जाने वाला यह टीका उन लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने पहले से ही टीकों की दोनों खुराक ली हैं.’

दिल्ली में एक सरकारी अधिकारी ने कंपनी की ओर से आवेदन मिलने की पुष्टि की और बताया कि भारत बायोटेक ने पहले से टीका लगा चुके प्रतिभागियों को तीसरी (बूस्टर) खुराक के तौर पर ‘बीबीवी154’ और ‘बीबीवी 152’ देने के बाद सुरक्षा और प्रतिरक्षाजनकता का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण के अध्ययन के लिए अनुमति मांगी है.

डीसीजीआई ने अगस्त में कंपनी को नाक से दिए जाने वाले टीके के दूसरे चरण के नैदानिक परीक्षण की इजाजत दे दी थी.

डीबीटी ने बताया था कि कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, नैदानिक परीक्षण के पहले चरण में स्वस्थ प्रतिभागियों को टीके की खुराकें दी गई थीं और किसी में भी गंभीर विपरीत प्रभाव नहीं दिखे थे.

इस बीच भारत बायोटेक ने एक विज्ञप्ति में बताया कि डीसीजीआई ने ‘कोवैक्सीन’ टीके को उसके निर्माण की अवधि से 12 महीने तक इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी.

कंपनी ने कहा,  ‘टीके के उपयोग की अवधि में विस्तार करने की मंजूरी अतिरिक्त स्थिरता आंकड़ों के आधार पर दी गई है जिसे सीडीएससीओ को जमा कराया गया था. इसके बाद अस्पताल अपने स्टॉक से उन टीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिनकी उपयोग अवधि खत्म होने वाली है. इससे टीके की बर्बादी बचेगी.’

फिलहाल कोवैक्सीन को 28 दिन की बहु खुराक शीशी नीति के तहत डीसीजीआई और विश्व स्वास्थ्य संगठन आपात इस्तेमाल सूची (डब्ल्यूएचओ ईयूएल) ने मंजूरी दी थी.

कोवैक्सीन की शीशी खुलने पर 28 दिन तक दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान में स्थिर रहती है.


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