नई दिल्ली: पिछले हफ्ते सरकार द्वारा एक-के-बाद एक कोविड समीक्षा बैठकों ने भले ही दिल्ली में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को रोकने के लिए कुछ नहीं किया हो, लेकिन इसने निश्चित रूप से देश में रोजाना की टीकाकरण संख्या को तेजी से बढ़ा दिया है.
CoWin पोर्टल द्वारा दर्ज डेटा के अनुसार, 11-17 दिसंबर तक चलने वाले सप्ताह में, प्रतिदिन दी जाने वाली कोविड वैक्सीन की खुराक की औसत संख्या 45,000-57,000 प्रति दिन के बीच थी – 17 दिसंबर, रविवार को छोड़कर, जब यह लगभग 6,565 खुराक तक गिर गई. 18-25 दिसंबर के सप्ताह में, संख्या तेजी से बढ़ी, दो दिन 23 और 24 दिसंबर के लिए प्रतिदिन एक लाख खुराक को पार कर गई.
सोमवार, 26 दिसंबर को दोपहर 3 बजे तक 68,000 से अधिक टीके की खुराक दी जा चुकी थी.
चीन जैसे देशों में संक्रमण के मामलों में उछाल के मद्देनजर कोविड मामलों को हैंडल करने के लिए 21 दिसंबर को देश की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और फिर अगले दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक बुलाई.
CoWin के आंकड़ों के मुताबिक, 25 दिसंबर को क्रिसमस और रविवार होने के बावजूद, लगाई गई कुल खुराक 25,937 थी. यह संख्या 18 दिसंबर को लगाई गई डोज का लगभग तीन गुना है.
अनुमानित रूप से सबसे बड़ी छलांग दी गई (या तीसरी) खुराक की संख्या में रही है. 11-18 दिसंबर के सप्ताह में, प्रतिदिन दी जाने वाली एहतियाती खुराकों की संख्या लगभग 27,000-36,000 के बीच थी. आगामी सप्ताह में, जब चीन में कोविड की बढ़ती संख्या के कारण केंद्र सरकार की बैठकों की झड़ी लग गई, प्रतिदिन दी जाने वाली एहतियाती खुराक की संख्या 30,000-83,000 के रेंज में थी.
सबसे तेज उछाल 23 और 24 दिसंबर को हुई थी, जब क्रमशः 77,992 और 82,433 एहतियाती खुराक दी गई.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक लगभग 22.35 करोड़ बूस्टर या एहतियाती खुराक दी जा चुकी है, जो बूस्टर के लिए पात्र कुल जनसंख्या का 27 प्रतिशत है. पहली और दूसरी खुराक का कवरेज वर्तमान में क्रमशः 97% और 90 प्रतिशत है.
भारत ने इस साल अप्रैल से सभी वयस्कों के लिए एहतियाती खुराक शुरू कर दी थी, लेकिन तब से कोविड के मामले कम होने कारण, साल में ज्यादातर इसे कम लिया गया. मंडाविया ने पिछले हफ्ते राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा था कि भारत प्रतिदिन औसतन 153 कोविड मामलों की रिपोर्ट कर रहा है।
वर्तमान में भारत में विभिन्न उम्र ग्रुप के लिए पांच तरह के टीके लगाए जा रहे हैं. ये हैं कोविशील्ड, कोवैक्सिन, कॉर्बेवैक्स, स्पुतनिक वी और कोवोवैक्स. कोविशील्ड और कोवैक्सिन को बूस्टर तौर पर लगाया जा रहा है, जबकि पिछले सप्ताह समीक्षा बैठकों के दौरान, बूस्टर खुराक के तौर पर भारत बायोटेक के नाक के टीके iNCOVACC को रोल आउट करने का फैसला लिया गया था.
दिप्रिंट ने स्वास्थ्य मंत्रालय से फोन और व्हाट्सएप पर कोविड वैक्सीन के स्टॉक के बारे में जानकारी मांगी. प्रतिक्रिया मिलने पर इस ख़बर को अपडेट किया जाएगा.
कंपनियों ने कहा- वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक मौजूद
कंपनियों के सूत्रों के मुताबिक, टीकों के कम लिए जाने की वजह से निर्माताओं ने कुछ समय पहले उत्पादन बंद कर दिया था.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, जिसका कोविशील्ड भारत के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम का मुख्य आधार रहा है, ने एक साल पहले उत्पादन बंद कर दिया था और अब कोवोवैक्स इसके प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. इस साल अक्टूबर में विकासशील देशों के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स नेटवर्क की बैठक के मौके पर बोलते हुए, SII के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि एक्सपायरी के कारण कंपनी को कोविशल्ड की लगभग 100 मिलियन खुराक डंप करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
दिप्रिंट से बात करते हुए, कंपनी के सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में इसके स्टॉक में लगभग 20 मिलियन (2 करोड़) खुराक हैं और जरूरत पड़ने पर कोविशील्ड का उत्पादन फिर से शुरू कर सकती है.
एक सूत्र ने कहा, ‘हम वर्तमान में कोवोवैक्स पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और अभी (विषम) बूस्टर शॉट के रूप में इसके इस्तेमाल पर डेटा जमा किया है. दुनिया के कई देशों में इसे मंजूरी मिल चुकी है और हम काफी आशान्वित हैं.’ एक विषम बूस्टर शॉट तब होता है जब बूस्टर या एहतियाती खुराक के रूप में दिया गया टीका मूल टीके से अलग होता है.
भारत बायोटेक के एक प्रवक्ता ने दिप्रिंट को बताया कि कंपनी के पास कोवैक्सीन की 50 मिलियन से अधिक खुराक शीशियों में आसानी से उपलब्ध है, और 200 मिलियन से अधिक खुराक दवा के पदार्थ के तौर मौजूद है.
उन्होंने कहा, ‘उत्पाद की मांग को पूरा करने के लिए अतिरिक्त उत्पादन क्षमता भी उपलब्ध है.’
(अनुवाद और संपादन : इन्द्रजीत)
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