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Saturday, 20 April, 2024
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एनिमेशन शिक्षा को बढ़ावा, गेमिंग और कंटेंट सेक्टर को बढ़ाने के लिए सरकार ने बनाया रोडमैप

समिति ने स्कूलों में मीडिया और मनोरंजन स्टूडियो/प्रयोगशाला पर बल देते हुए इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए एक विशेष प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का भी सुझाव दिया.

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नई दिल्ली: सरकार द्वारा नियुक्त टास्क फोर्स – जिसका उद्देश्य भारत के गेमिंग, एनीमेशन और कंटेंट क्षेत्र को मजबूत करना है – ने एनसीईआरटी को स्कूलों में एनिमेशन पर केंद्रित पाठ्यक्रम तैयार करने का सुझाव दिया है, जबकि कॉलेजों को ग्राफिक डिजाइन और कला में स्नातक की डिग्री जैसे पाठ्यक्रम शुरू करने की सिफारिश की है.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय, शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अधिकारियों और उद्योग के विशेषज्ञों से बने एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) को बढ़ावा देने के लिए टास्क फोर्स ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट जारी की. समिति की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए की थी.

रिपोर्ट में रेखांकित किया कि एवीजीसी मीडिया एक महत्वपूर्ण विकास इंजन के रूप में विकसित हुआ है, मनोरंजन क्षेत्र और भारतीय अर्थव्यवस्था में भी भविष्य में विकास की भारी संभावना है.

2019 में भारत के एवीसीजी सेक्टर का कुल बाजार आकार 2.3 बिलियन डॉलर था, जो वैश्विक बाजार के आकार का लगभग 0.7 प्रतिशत था. इस क्षेत्र के अगले चार वर्षों में 2.2 गुना बढ़ने का अनुमान है जो एवीजीसी बाजार का लगभग 1.5 प्रतिशत हिस्सा होगा.

भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए, टास्क फोर्स ने पांच क्षेत्रों में सुझाव दिए हैं जिनमें शामिल हैं – ‘बाजार पहुंच और विकास’, ‘कौशल और परामर्श’, ‘शिक्षा’, ‘प्रौद्योगिकी आईपी तक पहुंच बढ़ाना’, ‘वित्तीय व्यवहार्यता बनाना’ और ‘ उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का प्रचार करना.’

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समिति ने प्रस्ताव दिया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भारत में एवीजीसी शिक्षा के लिए एक समग्र रूपरेखा तैयार करने में शिक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर काम करना चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया कि, शिक्षण पद्धतियों, शिक्षण के मुख्य क्षेत्रों, नए विषयों, रचनात्मक क्षेत्रों के लिए परीक्षा के तरीके आदि पर विचार किया जाना चाहिए.

इसमें एवीसीजी क्षेत्र में प्रवेश की सुविधा के लिए मीडिया एंड एंटरटेनमेंट क्रिएटिव एप्टीट्यूड टेस्ट (एमईसीएटी) या इसी तरह की परीक्षाओं का भी सुझाव दिया.

इस परीक्षण से ‘मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में चल रहे कार्यक्रमों में प्रवेश पाने वाले उम्मीदवार की रचनात्मकता योग्यता और तैयारी’ भी पता चलेगी.

समिति ने ‘डिग्रियों के लिए समान नामकरण’ का भी सुझाव दिया. कुछ डिग्रियों में शामिल हैं – अनुभवात्मक कलाओं में स्नातक/पीजी (गेमिंग, एक्सआर आदि), ग्राफिक कला में स्नातक (कॉमिक्स और एनिमेशन डिजाइन), सिनेमैटिक आर्ट्स में स्नातक (कॉमिक्स/एनिमेशन/वीएफएक्स).

इस क्षेत्र को टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में ले जाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, यह भी सुझाव दिया गया कि एनसीईआरटी को स्कूल में बच्चों के लिए गेमिंग में एनीमेशन सहित प्रासंगिक पाठ्यक्रम तैयार करना चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘स्कूलों को अपने परिसर में कंप्यूटर लैब के अलावा एक मीडिया और मनोरंजन स्टूडियो/प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, ताकि छात्रों को उद्योग के बारे में बताया जा सके.’

स्कूल स्तर पर छात्रों को उन विषयों के संपर्क में लाया जाना चाहिए जो उनके रचनात्मक कौशल को तेज करने में मदद करते हैं.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि केजी से ग्रेड 5 तक प्राथमिक विद्यालय स्तर पर पढ़ाए जाने वाले कौशल में ये चीज़े शामिल किया जा सकते है,- ‘अवलोकन कौशल, मूविंग इमेजेस को समझना, दृश्य भाषा को समझना, रंग सिद्धांत, कला और डिजाइन का परिचय, प्रदर्शन कला का परिचय, संगीत जागरूकता, परिचय रचनात्मक सोच.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)

(अनुवाद/ संपादन: अलमिना खातून)


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