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Tuesday, 5 November, 2024
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भारत में 15 से 18 साल के किशोरों के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू, सिर्फ लगाई जाएगी कोवैक्सीन

देश में कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट के तेजी से प्रसार के बीच 15-18 साल के किशोरों को सोमवार से वैक्सीन की पहली डोज़ दी जा रही है.

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नई दिल्ली: भारत में 3 जनवरी 2022 यानी सोमवार से 15 से 18 साल की उम्र के किशोरों के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू किया गया है.

देश में कोरोना के ओमीक्रॉन वैरिएंट के तेजी से प्रसार के बीच 15-18 साल के किशोरों को सोमवार से वैक्सीन की पहली डोज़ दी जा रही है. वहीं 10 जनवरी 2022 से स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से ज्यादा के लोगों को एहतियाती डोज लगाई जाएगी. कुछ दिन पहले देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 15-18 साल के किशोरों को सिर्फ कोवैक्सीन लगाई जाएगी. मंत्रालय के मुताबिक जिन किशोरों का जन्म 2005, 2006 और 2007 में हुआ है, उन्हें केवल कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी.

मंत्रालय के अनुसार 18+ आयु के लोगों के लिए या 2004 या उससे पहले जन्म लेने वाले लोग कोविशील्ड समेत कोई भी टीका लगवा सकते हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को ट्वीट कर बच्चों से टीका लगवाने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘बच्चों को टीका लगवाना है. सुरक्षित भारत बनाना है.’


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बच्चों के टीकाकरण की क्या है प्रक्रिया

वैक्सीनेशन के लिए 15 से 18 साल के किशोरों को कोविन वेबसाइट पर रजिस्टर कराना होगा. जिन लोगों का जन्म 2005 से 2007 के बीच हुआ है, वो इस पर पंजीकरण करा सकेंगे.

कोविन वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 15 से 18 साल के बच्चे आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड या स्कूल फोटो आईडी कार्ड के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

कोविन वेबसाइट पर ये भी कहा गया है कि 15 से 18 साल के बच्चों को सिर्फ कोवैक्सीन ही लगाई जाएगी.

कोविन डेटा के अनुसार अब तक करीब 12 लाख से ज्यादा बच्चों ने वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है.


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सिर्फ कोवैक्सीन को ही मंजूरी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 15-18 साल के किशोरों के लिए सिर्फ कोवैक्सीन टीके को ही मंजूरी मिली है. वहीं इससे ऊपर की उम्र के लोग कोई भी वैक्सीन लगवा सकते हैं.

कोवैक्सीन की निर्माता भारत बायोटेक के अनुसार दूसरे और तीसरे ट्रायल में पाया गया है कि बच्चों के लिए कोवैक्सीन सुरक्षित और असरदार है.


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देश भर में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत

15 से 18 साल के किशोरों के वैक्सीनेशन कार्यक्रम के शुरू होते ही बड़ी संख्या में इस उम्र के बच्चे वैक्सीन लगवाने के लिए सेंटर्स पर पहुंच रहे हैं.

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में टीका लगवाने के बाद एक किशोर ने कहा, ‘मैंने वैक्सीनेशन के लिए कल ही रजिस्ट्रेशन करा लिया था. वैक्सीनेशन के इतर हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.’

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, कर्नाटक के सीएम बीएस बोम्मई, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने-अपने राज्यों में बच्चों के वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की.

शिवराज सिंह ने इस मौके पर कहा, ‘हमारा प्रयास है कि स्कूल और बाजार खुले ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था चलती रहे. इसके लिए हमें वैक्सीन लगवाने होंगे.’

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘राज्य में आज से जीनोम सीक्वेंसिंग की शुरुआत की जा रही है.’

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य में 15 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है. हमें बच्चों और उनके परिजनों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.

उन्होंने कहा, ‘केरल में करीब 15 लाख इस उम्र के बच्चे हैं और हमें उम्मीद है कि हम अगले 10 दिन में उन्हें वैक्सीन लगा देंगे.’

जॉर्ज ने ये भी बताया कि केरल में ओमीक्रॉन वैरिएंट की वजह से कम्युनिटी स्प्रैडिंग नहीं हुई है.


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ओमीक्रॉन के मामलों में लगातार तेजी

दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले पाया गया कोविड का ओमीक्रॉन वैरिएंट इन दिनों स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक नया खतरा साबित हो रहा है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में ओमीक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

भारत में ओमीक्रॉन के मद्देनजर कई राज्यों ने नाइट कर्फ्यू समेत कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में ओमीक्रॉन के अब तक 1700 मामले आ चुके हैं. महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान कोविड के इस नए वैरिएंट से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से है.

इसी के साथ कोरोना के मामलों में भी तेजी देखने को मिल रही है. भारत में पिछले 24 घंटों में 33,750 नए मामले दर्ज किए गए हैं वहीं 123 लोगों की मौत भी हुई है.

गौरतलब है कि देश में अब तक 145 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है.


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