नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस के ओमीक्रॉन स्वरूप से संक्रमित लोगों में से 60 प्रतिशत से अधिक ने कोई विदेश यात्रा नहीं की थी और ना ही वे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क में आए थे. इससे यह पता चलता है कि कोविड के इस नये स्वरूप से संक्रमण का सामुदायिक प्रसार काफी तेजी से हुआ.
दिल्ली सरकार द्वारा संचालित ‘इंस्टीट्यूट आफ लीवर एंड बाइलरी साइंसेस’ (आईएलबीएस) द्वारा किये गए एक अध्ययन में यह कहा गया है.
भारत में ओमीक्रॉन के सामुदायिक प्रसार का प्रमाण प्रदान करने वाला यह संभवत: पहला अध्ययन है. इसके तहत पिछले साल 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच दिल्ली के पांच जिलों- दक्षिण, दक्षिणपूर्व, दक्षिणपश्चिम, पश्चिम और पूर्व से एकत्र किए गए संक्रमण के मामलों के जीनोम अनुक्रमण डेटा पर गौर किया गया.
पांच जिलों में विभिन्न जांच प्रयोगशालाओं से कुल 332 नमूनों को आईएलबीएस को भेजा गया था और इनमें से ‘गुणवत्ता जांच’ पास करने वाले 264 नमूनों का विश्लेषण किया गया.
अनुक्रमित 264 नमूनों में से 68.9 प्रतिशत डेल्टा और उसके सब-लीनिएजेस से संक्रमित पाए गए जबकि शेष 82 नमूने (31.06 प्रतिशत) ओमीक्रॉन से संक्रमित थे. 82 मामलों में, 46.3 प्रतिशत कुल 14 परिवारों के थे और इनमें से केवल चार परिवारों ने विदेश यात्रा की थी. विदेश यात्रा नहीं करने वाले शेष 10 परिवारों में से तीन परिवार यात्रा कर चुके गैर-पारिवारिक सदस्य के संपर्क में आने से संक्रमित हुए थे.
इसमें कहा गया, ‘सात परिवारों के बाकी 20 व्यक्ति संभवतः सामुदायिक प्रसार के कारण संक्रमित हुए.’
अध्ययन के अनुसार ओमीक्रॉन संक्रमितों में से 39.1 प्रतिशत लोगों ने विदेश यात्रा की थी/या वे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के संपर्क आये थे.
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