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Sunday, 22 December, 2024
होमहेल्थटीकाकरण अभियान के पहले दिन दिल्ली में कोविड वैक्सीन के प्रतिकूल असर के 52 मामले सामने आए

टीकाकरण अभियान के पहले दिन दिल्ली में कोविड वैक्सीन के प्रतिकूल असर के 52 मामले सामने आए

एम्स के एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को एईएफआई से गंभीर रूप से प्रभावित बताया गया है. कोवैक्सीन की खुराक के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.

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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले दिन शाम 5 बजे तक कुल 52 ऐसे मामले आए जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रतिक्रिया (एईएफआई) से प्रभावित हुए.

दिल्ली में पहले दिन टीकाकरण कराने वाले कुल 4,319 स्वास्थ्य कर्मचारियों में से एक में एईएफआई का गंभीर मामला सामने आया. कोवैक्सीन की खुराक लेने के बाद कार्यकर्ता को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था.

दिल्ली सरकार की तरफ से राजधानी के सभी 11 जिलों में जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम) द्वारा तैयार किए गए दस्तावेजों के मुताबिक एईएफआई के सबसे ज्यादा मामले दक्षिण (12) और दक्षिण पश्चिम (11) जिलों में सामने आए.

पूर्वी जिले में छह मामलों की सूचना मिली है जबकि दक्षिण पूर्वी और नई दिल्ली जिलों में पांच-पांच मामले नजर आए. बाकी के 13 मामले अन्य छह जिलों में सामने आए हैं.


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अस्पताल में भर्ती कराने का मामला

जिस स्वास्थ्यकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था वह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का था.

दक्षिण जिले में सामने आए इस ‘गंभीर’ मामले की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर डीएम अंकिता चक्रवर्ती ने दिप्रिंट को बताया, ‘यह 22 साल का एक युवक है और इसमें प्रतिकूल प्रतिक्रिया के कुछ लक्षण दिखे और कुछ एलर्जी हो गई थी, इसलिए भर्ती कराया गया था. मुझे बताया गया है कि उसकी हालत अभी स्थिर है. लेकिन उसे सुरक्षित रखने के लिए अगले 24 घंटे अस्पताल में ही निगरानी में रखा जाएगा.’

सूत्रों के अनुसार, आईसीयू में भर्ती कर्मचारी को सिरदर्द, दाने निकलने, सांस लेने में तकलीफ और हृदयगति बढ़ने के बाद से लगातार निगरानी में रखा जा रहा है.

हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि दिल्ली में अस्पताल में भर्ती कराने जैसा कोई मामला नहीं आया है.

अन्य मामले

इस बीच, अन्य जिलों के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि एईएफआई से प्रभावित होने वाले किसी भी अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी को कोई गंभीर दिक्कत होने की जानकारी नहीं मिली है.

सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक 11 जिलों में एकत्र आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश जिलों के अस्पतालों में एईएफआई के मामूली मामले ही दिखे हैं. इनमें से कोई भी मामला ‘गंभीर श्रेणी’ के तहत नहीं रखा गया है.

दक्षिण पश्चिम जिले के अतिरिक्त डीएम राकेश दहिया ने बताया, ‘सभी मामले मामूली थे, कुछ लोगों को बुखार आया और कुछ ने चक्कर आने की शिकायत की. लेकिन किसी को अस्पताल में भर्ती कराने की स्थिति नहीं आई. हालांकि, हम नियमित रूप से फोन करके अगले कुछ दिनों तक उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेते रहेंगे.’

मध्य जिले, जहां एईएफआई के दो मामले सामने आए थे, के एडीएम नागेंद्र त्रिपाठी ने कहा, ‘ये मामूली मामले थे, इसमें से एक व्यक्ति को सिरदर्द की शिकायत हुई थी जबकि दूसरे को चक्कर आ रहा था लेकिन थोड़ी देर बाद जब उन्हें बेहतर लगने लगा तो उन्हें घर भेज दिया गया.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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