नई दिल्ली: फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन इंडिया (फोरडा) ने देश की राजधानी दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों से आह्वान किया है कि वह 27 अक्टूबर को दो घंटे के लिए ‘पेन डाउन’ कर दें. सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, एलएनजेपी, मौलाना आजाद, जीटीबी सहित 27 छोटे -बड़े अस्पताल शामिल हैं.
पिछले चार महीनों से नॉर्थ दिल्ली के एमसीडी अस्पतालों में डॉक्टरों और सैलरी नहीं मिलने और उसमें जारी इररेगुलैरिटीज़ को देखते हुए फोरडा ने ऑथरिटीज को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और अगर डॉक्टरों की सैलरी को लेकर कोई भी पुख्ता इंतजाम (परमानेंट सॉल्यूशन) सरकार और कंसर्न ऑथरिटीज द्वारा नहीं दिया जाता है तो देश की राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर सिम्बॉलिक प्रोटेस्ट करेंगे और दो घंटें के लिए काम काज बिल्कुल बंद कर देंगे. यह प्रोटेस्ट नॉन कोविड अस्पतालों में होगा.
अगर फिर भी बात नहीं बनती है तो ये डॉक्टर कल यानी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं. बता दें कि 5 अक्टूबर से हिंदूराव के डॉक्टर सैलरी को लेकर प्रतीकात्मक प्रदर्शन कर रहे हैं. और 23 तारीख से पांच डॉक्टर लगातार भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं. फिलहाल उन्हें एक महीने की सैलरी दे दी गई है लेकिन तीन महीने की सैलरी अभी तक नहीं दी गई है और समस्या जस की तस बनी हुई है.
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फोरडा की 2 घंटे पेन डाउन की मांग
दिप्रिंट से बात करते हुए फोरडा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ संदीप यादव ने कहा,’ कोरोनासंक्रमण की महामारी के इस दौर में डॉक्टर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स फ्रंट लाइन वॉरियर्स हैं. कोविड-19 की लड़ाई में दिन रात एक कर चुके हैं. लेकिन हमारे साथियों को अपनी ही सैलरी के लिए स्ट्राइक करनी पड़ रही है.’
डॉ. संदीप कहते हैं,’ दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी डॉक्टरों के वेतन नहीं दिया गया है.यह बहुत ही निराशाजनक है.’
संदीप ने दिप्रिंट से कहा, ‘ऐसा नहीं है कि हमने कोविड के मरीजों का ध्यान नहीं रखा है.ये प्रोटेस्ट नॉन कोविड अस्पतालों में ही किया जा रहा है.’ उन्होंने यह भी कहा कि मौलाना आजाद और एलएनजेपी जैसे अस्पताल जो कोविड अस्पताल हैं वहां डॉक्टर ब्लैक रिबन बांध कर प्रोटेस्ट का हिस्सा बनेंगे.
वह आगे कहते हैं, ‘महीनों से हमारे डॉक्टर साथी घर नहीं गए. कईयों ने इस लड़ाई में अपनी जान तक गंवा दी लेकिन हमारे साथियों को अपनी मेहनत की कमाई के लिए भी अब स्ट्रगल करना पड़ रहा है.
डॉ. संदीप कहते हैं कि अभी तक सैलरी को लेकर कोई सकारात्मक जबाव ऑथरिटी की तरफ से नहीं दिया गया है. और न ही कोई पर्मानेंट सॉल्यूशन ही दिया गया है. डॉ और नर्सिंग स्टाफ की सैलरी पुरानी बीमारी बन चुकी है.
सोमवार से नॉर्थ एमसीडी के पांच बड़े अस्पतालों, डिस्पेंसरी, मैटरनिटी के डॉक्टरों ने भी अब सैलरी की मांग में बैठे डॉक्टरों के साथ मैदान में उतर गए हैं और काम काज ठप कर दिया है. इसमें गिरधारी लाल, कस्तूरबा गांधी, राजन बाबू और एमवीआईडी अस्पतालों के साथ मेटरनिटी केंद्र और डिस्पेंसरी भी शामिल है. ऐसा अनुमान है कि काम काज ठप होने से करीब 10,000 मरीजों को परेशानी हो सकती है.
यहां तक की हिंदूराव अस्पताल के सीनियर डॉक्टर्स भी अब अपने साथियों के साथ कदम से कदम मिला लिया है. और आज हिंदूराव के करीब 400 डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं. जबकि मंगलवार से ये डॉक्टर्स भी हड़ताल में शामिल हो जाएंगे.
पर्मानेंट सॉल्यूशन
हिंदुराव अस्पताल आरडीए के वाइस प्रेसिडंट डॉ सागरदीप सिंह बावा ने दिप्रिंट को बताया कि यह डॉक्टरों की एक साल में दूसरी बड़ी स्ट्राइक है. वह कहते हैं, ‘हम काम करने और इलाज करने के लिए हैं धरना प्रदर्शन के लिए नहीं. हमें इस परेशानी से निजात चाहिए.’
डॉ. सागरदीप कहते हैं, ‘अस्पताल आज पूरी तरह से बंद है और हमारे सीनियर डॉक्टरों ने भी हमें ज्वाइन कर लिया है. हमारी मांग को अब और बल मिलने जा रहा है.’ सागर खुद अपने साथियों के साथ 24 घंटे से भूख हड़ताल पर थे.
सागर ने कहा, ‘एक ओर सरकारी कर्मचारी को बोनस बांटे जा रहे हैं दूसरी तरफ हमारे साथ ‘सौतेला व्यवहार’ किया जा रहा है. हम दो सरकारों की आपसी राजनीतिक लड़ाई में नहीं पिसना चाहते हैं हमें बस समय से सैलरी मिलनी चाहिए.’
डॉक्टरों ने कोई पर्मानेंट सॉल्यूशन नहीं मिलने की एवज में अनिश्चकालीन हड़ताल पर जाने की भी बात कही है. डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश की सूचना के बाद नॉर्थ एमसीडी के मेयर जयप्रकाश हिंदूराव के अस्पताल के डॉक्टरों से मिलने पहुंचे. उन्होंने डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की बात भी कही और कहा वह जल्द से जल्द उनकी सैलरी ट्रांसफर करेंगे.
लेकिन डॉक्टरों ने काम पर लौटने से मना कर दिया है और अब अपनी सैलरी को लेकर परमानेंट सॉल्यूशन की मांग की है.
डॉ सागर ने कहा,’ अब हम दो राजनीतिक पार्टियों की बात में नहीं आएंगे. सैलरी के बिना डॉक्टर काम पर नहीं लौटेंगे. यह पूछने पर कि क्या दिल्ली के स्वास्थ्यमंत्री सत्येंद्र जैन ने कोई आश्वासन दिया है जवाब मिला ‘नहीं.’